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बलिया के आंदोलनकारी छात्र नेताओं से गाजीपुर जेल में मिले पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह

गाजीपुर। सपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह की छात्र राजनीति से हुई है। उस जमाने में वह जुझारू छात्र नेता रहे हैं और छात्र हितों को लेकर पुलिस की लाठियां और जेल तक झेले हैं। लिहाजा आज भी छात्रों के प्रति उनके दिल में स्नेह, सम्मान रहता है। उनके लिए वह बराबर तत्पर रहते हैं। कहीं और किसी छात्र आंदोलन को समर्थन देने से वह पीछे नहीं हटते। 

बलिया में चल रहे छात्र आंदोलन के प्रति भी उनका पूरा समर्थन है। इस सिलसिले में श्री सिंह गुरुवार की दोपहर गाजीपुर जेल पहुंचे और बलिया के गिरफ्तार छात्र नेता सौरभ सिंह रानू, आदित्य प्रकाश सिंह तथा मनीष कुमार सिंह से मिले। उन्होंने उनके आंदोलन के प्रति अपना समर्थन जताया और कहे कि उनकी लड़ाई में समाजवादी पार्टी पूरी तरह साथ है। इस क्रम में भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहे कि उसकी सरकार छात्र और नौजवानों की घोर विरोधी है। लोकतांत्रिक तरीके से छात्रों के चलने वाले आंदोलन भी उसे बर्दाश्त नहीं है। बलिया की घटना इस बात की गवाह है। 

जेल में पूर्व मंत्री के साथ आंदोलनकारी छात्रों से मिलने वालों में पूर्व छात्र नेता डॉ.समीर सिंह, जावेद खां, ग्राम प्रधान दीपक सिंह आदि भी थे। जेल में करीब एक घंटे प्रवास के बाद पूर्व मंत्री सीधे जिला पंचायत मुख्यालय पहुंचे। वहां उन्होंने दिलदारनगर पशु मेला मालिकों को लेकर चेयरमैन आशा देवी तथा अपर मुख्य अधिकारी सरोज कुमार वर्मा से वार्ता की। कहे कि उस पशु मेला को राजनीतिक साजिश के तहत बंद किया गया है। उससे हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं। आम किसान परेशान हैं। वह अपने लिए न तो दुधारू पशु बेचने की स्थिति में हैं न खरीदने की। उनका कहना था कि पशु मेला मालिक हर मानक को पूरा कर रहे थे। 

बावजूद मानक का अभाव दिखा कर भाजपा की सरकार बंद कर दी। यह ठीक है कि पशु मेला मालिक हाईकोर्ट गए हैं लेकिन मेला जिला पंचायत के निर्देशन में चलता है। उन्होंने अपर मुख्य अधिकारी को अपने अंदाज में झिड़कते हुए कहा कि मेला फिर से चालू कराने की जिम्मेदारी भी जिला पंचायत की है। इस मौके पर पूर्व मंत्री के प्रतिनिधि मन्नू सिंह के अलावा पशु मेला मालिक एनाम खां, ऐनु खां, सुरेश कुशवाहा, सुरेंद्र कुशवाहा, दयानंद यादव मुनीब, सुरेंद्र राम, टुन्नू यादव, बीरेंद्र यादव, बबलू यादव, कपिल यादव, मनोज यादव, रिशु यादव आदि भी थे।
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