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दहेज हत्या में तीन को दस वर्ष कारावास की सजा

दहेज हत्या के आरोप में फास्ट ट्रैक प्रथम चंद्रगुप्त की अदालत ने तीन अभियुक्तों को दस वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई। यहीं नहीं कोर्ट ने अभियुक्त गणों से आठ-आठ हजार रुपये जुर्माना वसूलने का भी आदेश दिया।

जमानियां कोतवाली के लहुआर गांव निवासी रामदत्त उर्फ रिंकू गुप्ता ने अपनी बहन कुसुम की शादी 27 मई 2015 को गहमर थाना क्षेत्र के भतौरा गांव निवासी कुंदन गुप्ता के साथ की थी। कुंदन का पूरा परिवार दिलदारनगर बाजार में किराये के मकान में रहता था। शादी में डिमांड के अनुसार पूरा दान-दहेज दिया गया। रामदत्त के अनुसार शादी के बाद ससुराल पक्ष के लोग उसकी बहन से डेढ़ लाख रुपये और एक बाइक की डिमांड करने लगे। डिमांड पूरी न होने पर वह लोग उसकी बहन को प्रताड़ित करने लगे थे। 

7 जनवरी 2016 को उसकी बहन का शव उसके कमरे में फांसी के फंदे से झूलते हुए मिला। इस मामले में रामदत्त की तहरीर पर पुलिस ने सुसुराल पक्ष के तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया। पुलिस ने आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से कुल छह गवाह कोर्ट में पेश हुए। सभी गवानों ने घटना का समर्थन किया। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर शासकीय अधिवक्ता रामजश यादव ने पैरवी की। बुधवार को सुनवाई के बाद अदालत ने सास गीता देवी, श्वसुर जयराम व पति कुंदन को दस वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाने के साथ ही अभियुक्त गणों से आठ-आठ हजार रुपये जुर्माना वसूलने का आदेश दिया।
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