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अब्दुल हमीद की पत्नी की जगह किसी और का सम्मान कर गए अखिलेश

शहीद रामसमुझ यादव की प्रतिमा के अनावरण के कार्यक्रम में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से वीर अब्दुल हमीद की पत्नी की जगह किसी और का ही सम्मान आयोजकों ने करा दिया था। यह खबर जब अब्दुल हमीद के परिजनों को पता चली तो वो इसे शहीद का अपमान तो बता ही रहे हैं साथ ही खुद ठगा हुआ भी महसूस कर रहे हैं। 

सगड़ी के नत्थूपुर गांव में करगिल युद्ध में शहीद हुए 13 कुमाउं रेजीमेंट के शहीद रामसमुझ यादव की जयंती व शहादत दिवस के अवसर पर लगने वाले शहीद मेले में मुख्य अतिथि के रूप में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मौजूद रहे। इस कार्यक्रम में पूर्वांचल के 7 जिलों के 38 शहीद परिवारों को भी सम्मानित किया जाना था। 

दोपहर साढे बारह बजे मंच पर अखिलेश आए। इस दौरान मंच से कार्यक्रम में शिरकत करने आए शहीदों एंव उनके परिवारों के सदस्यों के नाम की घोषणा की जाती रही। वीर अब्दुल हमीद का नाम भी लिया गया। उनकी बहादुरी की भी चर्चा की गई। जब उनका नाम बोला गया तो वहां मौजूद एक एक व्यक्ति अपनी जगह से खड़े होकर तालियों की गड़गड़ाहट से उनकी शान में अपना सिर झुकाया। मंच पर खड़े होकर अखिलेश यादव भी उस महिला के सामने जाकर सिर झुकाए और दो तीन मिनट तक उनसे बातचीत की। 

खास बात यह रही कि इस बीच आयोजकों ने बड़ी ही बेशर्मी से उस महिला को ही अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीबी बताते रहे। मंच पर अखिलेश ने सभी शहीद परिवारों के साथ उनको भी अंगवस्त्रम व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। मीडिया में खबर आने के बाद यह बात गाजीपुर के धानूपुर में अब्दुल हमीद के परिवार तक भी पहुंच गई। यह खबर गुरुवार से सोशल मीडिया में छायी हुई है। बताते हैं कि वह महिला भी एक शहीद भगवती सिंह की ही पत्नी थी। 

लोग आयोजकों की इस बेशर्मी पर चर्चा कर रहे हैं कि इसमें अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीबी, शहीद भगवती सिंह की पत्नी ललिता देवी व अखिलेश यादव समेत दर्जन भर से ऊपर विशिष्ट लोगों के साथ ही हजारों लोगों के साथ मजाक किया है जो उस कार्यक्रम में मौजूद थे। 

इस बारे में आयोजक व रामसमुझ के भाई प्रमोद से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ‘मै खुद निमत्रण लेकर शहीद वीर अब्दुल हमीद के घर गया था उनके दूसरे पौत्र सलीम से मिला था। 28 को फिर से फोन पर बात हुई थी। उनकी सहमति के बाद ही उनका नाम लिस्ट में शामिल किया गया था। बुलाए गए 38 में से केवल 28 ही पहुंच सके थे। रसूलन बीबी कार्यक्रम में नहीं आ सकी। कार्यक्रम शुरू होने के बाद लिस्ट संचालक के पास थी उसे पहचानने में गलती हुई है। मेरा किसी का अपमान करने का कोई इरादा नहीं था।’ 

चीन युद्ध में शहीद भगवती सिंह की पत्नी को ही बताया रसूलन बीबी 
इस कार्यक्रम में जिस सम्मानित महिला को अब्दुल हमीद की पत्नी र सूलन बीबी बताया गया था वह भीएक शहीद की ही पत्नी थीं। तहसील क्षेत्र के मदियापार निवासी भगवती सिंह 1962 में भारत चीन युद्ध में शहीद हो गए थे। भगवती सिंह की पत्नी ललिता देवी को निमंत्रण मिला था। उनका नाम भी पुकारा गया। वह मंच पर पहुंची तो आयोजक उन्हें ही रसूलन बीबी कहकर संबोधित किए और मौजूद जनता व विशिष्ट अतिथियों से परिचय भी कराया। 

मुझे इस कार्यक्रम की कोई जानकारी नहीं थी। आमंत्रण पत्र मिलता तो मा को लेकर जरूर जाता। अखबारों में पढ़ा तो पता चला कि मेरी मां का सम्मान हुआ है जबकि हम लोग वहां गए ही नहीं। 
जमील, पौत्र शहीद अब्दुल हमीद 
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