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पर्यटन विभाग में करोड़ों के घोटाले की कार्रवाई को पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह मान रहे महज ड्रामा

गाजीपुर। जमानियां क्षेत्र में पर्यटन विभाग की परियोजनाओं में करोड़ों के घोटाले में मामले में शासन की कार्रवाई को पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह ड्रामा के सिवाय कुछ नहीं मानते। इस मामले में पूर्व मंत्री की नामौजूदगी में उनका पक्ष गुरुवार को उनके प्रतिनिधि मन्नू सिंह ने मीडिया के सामने रखा। कहे कि ओमप्रकाश सिंह जब पर्यटन मंत्री थे तभी वह गड़बड़ियां मिली थीं और तब कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम के तत्कालीन परियोजना अधिकारियों समेत दोषी इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी। उन्हें निलंबित तक किया गया था। उस दशा में अब मौजूदा सरकार की कार्रवाई महज नौटंकी है। उनका कहना था कि इससे साफ है कि मौजूदा सरकार विकास के नाम पर कुछ नहीं कर रही है। अलबत्ता, पूर्ववर्ती सपा सरकार की योजनाओं के नाम बदलने, उन्हें बंद करने और विकास कार्यों की जांच जरूर करा रही है। यह सब जनता का ध्यान बांटने के लिए हो रहा है। हां यह सरकार एक काम और कर रही है। पूर्ववर्ती सरकार की परियोजनाओं के लोकार्पण कर खुद की पीठ थपथपा रही है। लखनऊ की मेट्रो ट्रेन इस बात का गवाह है। आज बिजली का संकट और गहरा गया है। सरकार दावा कर रही है कि शहरों में 24 तथा ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे बिजली दी जा रही है। कम से कम गाजीपुर में तो यह दावा हवा-हवाई साबित हो रही है। किसानों की हितैषी कहने वाली यह सरकार उनके लिए भी जरूरत भर बिजली नहीं दे रही है। स्वास्थ्य विभाग की दशा भी बदतर है। सड़कें बदहाल होती जा रही हैं। कर्ज माफी के नाम पर किसानों संग मजाक हो रहा है। इस मौके पर डॉ.समीर सिंह, राकेश उपाध्याय, पप्पू आदि थे। मालूम हो कि पर्यटन विभाग ने दो दिन पहले गहमर थाने में पांच परियोजनाओं में करीब सात करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में एफआइआर दर्ज कराई है। यह परियोजनाएं ओमप्रकाश सिंह के पर्यटन मंत्री रहते स्वीकृत हुई थीं।  
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