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साइबर क्राइम कर कमाए करोड़ों और ऐश करने में उड़ा दिए, अब जाएंगे जेल

गाजीपुर। मरदह पुलिस तथा क्राइम ब्रांच की संयुक्त कार्रवाई में एक ऐसा अंतरप्रांतीय गैंग पकड़ में आया है जो साइबर क्राइम के जरिये करोड़ों कमाता और अपनी ऐय्याशी, हाई-फाई लाइफ में खर्च करता। मरदह थाने के जलालाबाद मोड़ पर बुधवार की शाम गैंग के चार सदस्य हाथ लगे। पूछताछ में उन्होंने अपने जो कारनामे बताए उसे सुन पुलिस भी दंग रह गई। 

पकड़े गए इन साइबर अपराधियों में गैंग का सरगना आशुतोष यादव उर्फ राजन सैदपुर कोतवाली के औड़िहार खुर्द का रहने वाला है जबकि अजय चौहान तथा अंगद चौहान कुतुबपुर थाना मुहम्मदाबाद गोहना जिला मऊ और छोटेलाल चौहान दवतड़िया कोतवाली रसड़ा, बलिया का है। 

पुलिस कप्तान सोमेन बर्मा ने गुरुवार की दोपहर इन्हें मीडिया के सामने पेश किया। बताए कि यह यह गैंग तब गिरफ्त में आया जब स्टेट बैंक की मरदह शाखा के एटीएम में पहुंच कर अपना शिकार तलाशने वाला था। सरगना राजन अपना यह गैंग वर्ष 2011 में खड़ा किया था। शुरुआती साल में ही गैंग ने जिला बस्ती से करीब एक करोड़ रुपये हथियाए। फिर कानपुर से 65 लाख रुपये उड़ाए। उसके बाद वर्ष 2016 में कानपुर में दोबारा 35 लाख तथा बक्सर(बिहार) से 22 लाख रुपये बनाए। 

इस साल गैंग गोरखपुर 45 लाख तथा गाजीपुर के रहने वाले अपने शिकार लोगों के खाते से करीब पांच लाख रुपये उड़ाए। पुलिस कप्तान ने बताया कि गैंग साइबर क्राइम से मिली रकम को अपनी ऐय्याशी के साथ ही ब्रांडेड कपड़े-जूते, महंगे फोन, बड़े महानगरों में घूमने और हवाई जहाज की यात्रा में खर्च करता। श्री बर्मा ने इस गैंग की कारस्तानी जानने के बाद आमजन को नसीहत दी कि अगर अचानक किसी का मोबाइल फोन लॉक हो जाए तो वह अलर्ट हो जाए। पुलिस कप्तान ने कहा कि उनके महकमे के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। 

उन्होंने अपनी ओर से इस कार्रवाई में शामिल पुलिस टीम को पांच हजार रुपये नकद देने की घोषणा की। टीम में एसएचओ मरदह सुरेंद्र कुमार पांडेय, क्राइम ब्रांच इंचार्ज टीबी सिंह, एसआई राधेश्याम त्रिपाठी, हेड कांस्टेबल संजय पटेल, कांस्टेबल नरेंद्र बहादुर सिंह, संजय प्रसाद, विकाश श्रीवास्तव, भाईलाल सोनकर, पवन यादव, रामप्रताप सिंह, जितेंद्र यादव, सलीमुद्दीन, आशुतोष सिंह, धनंजय सिंह, दिनेश यादव, महेंद्र सोनकर, अखिलेश कुमार तथा विभागीय चालक नागेंद्र सिंह शामिल थे।

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