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भगवती को प्रसन्न करने की सर्वोत्तम विधि है कन्या पूजन- महामंडलेश्वर भवानीनन्दन

जखनियां। देवी पुराण के अनुसार इंद्र ने जब ब्रह्मा जी से भगवती को प्रसन्न करने की विधि पूछी तो उन्होंने सर्वोत्तम विधि के रूप में कुमारी पूजन ही बताया। कन्याओं को नौ देवी का रूप मानकर नवमी को इनकी पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में कुंवारी कन्याओं को मां दुर्गा के समान पवित्र और पूजनीय माना गया है। उक्त बातें शुक्रवार को सिद्धपीठ हथियाराम मठ में आयोजित कन्यापूजन के अवसर पर श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनन्दन यति जी महाराज ने कहा। 

गौरतलब हो कि शारदीय नवरात्रि के नवमी तिथि को सिद्धपीठ पर बुढ़िया माई धाम में महामंडलेश्वर जी द्वारा 900 कन्याओं का विधिविधान से पूजन किया गया। जिसके निमित्त कई दिन पूर्व से ही आस-पास के गांव में शिष्य परिवारों में निमंत्रण दिया गया था। आज कन्यापूजन पर 900 कन्याओं का सम्मान के साथ पूजन सम्पन्न हुआ। महामंडलेश्वर श्री भवानीनंदन यति जी ने मां बुढ़िया से आशीर्वाद मांगते हुए कहा कि इस वर्ष 900 कन्याओं का पूजन किया जा रहा है, हमें ईश्वर शक्ति प्रदान करें कि अगले वर्ष 9000 कन्याओं का पूजन कर सकू।  कन्या पूजन के अवसर पर कन्याओं का माल्यार्पण, तिलक, वस्त्रदान इत्यादि कर भोजन ग्रहण कराया गया। कन्यापूजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहाकि सभी शुभ कार्यों का फल प्राप्त करने के लिए कन्या पूजन किया जाता है। 

कुमारी पूजन से सम्मान, लक्ष्मी, विद्या और तेज प्राप्त होता है, इससे विघ्न, भय और शत्रुओं का नाश भी होता है। होम, जप और दान से देवी इतनी प्रसन्न नहीं होतीं जितनी कन्या पूजन से होती हैं। इस अवसर पर विधायक डॉक्टर वीरेंद्र यादव, रामनिवास यादव, सन्त देवराहा बाबा, स्वामी रामानंद जी, ब्यास सर्वेश जी, हरिराम, अशोक सिंह, रमेश यादव, रामनिवास यादव इत्यादि रहे। नवरात्रों में भारत में कन्याओं को देवी तुल्य मानकर पूजा जाता है, पर कुछ लोग नवरात्रि के बाद यह सब भूल जाते हैं। 

बहूत जगह कन्याओं का शोषण होता है और उनका अपनाम किया जाता है। आज भी भारत में बहूत सारे गांवों में कन्या के जन्म पर दुःख मनाया जाता है. ऐसा क्यों? क्या आप ऐसा करके देवी मां के इन रूपों का अपमान नहीं कर रहे हैं। कन्याओं और महिलाओं के प्रति हमें अपनी सोच बदलनी पड़ेगी, देवी तुल्य कन्‍याओं का सदैव सम्मान करें। इनका आदर करना ईश्‍वर की पूजा करने जितना पुण्‍य देता है। शास्‍त्रों में भी लिखा है कि जिस घर में औरत का सम्‍मान किया जाता है वहां भगवान खुद वास करते हैं। इस अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं को महामंडलेश्वर जी द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के तहत नारियों का सम्मान का संकल्प दिलाया गया।

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