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ट्रैक्टर मालिक हत्याकांडः गैंग के जख्मी सरगना के जरिये अन्य साथी बदमाशों तक पहुंची पुलिस, तीन गिरफ्तार

गाजीपुर। दुल्लहपुर के धर्मागतपुर के ट्रैक्टर मालिक मोहन चौहान(40) की हत्या के वक्त जख्मी गैंग के सरगना प्यारे प्रजापति के जरिये पुलिस आखिर उसके अन्य साथियों तक पहुंच ही गई। दुल्लहपुर के चौजा मोड़ के पास शुक्रवार की रात करीब पौने नौ बजे उन्हें गिरफ्तार किया गया। उनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त पिकप भी बरामद हुई। पुलिस कप्तान सोमेन बर्मा ने शनिवार की दोपहर तीनों लुटेरों को मीडिया के सामने पेश किए। उनमें दो पवन कुमार तथा अंगद कुमार गैंग सरगना प्यारे प्रजापति के गांव मीरपुर ओड़ासन थाना बहरियाबाद के रहने वाले हैं जबकि तीसरा सुरेश यादव आजमगढ़ जिले के तरवां थानाक्षेत्र स्थित नारायनपुर गांव का है। 

पुलिस कप्तान ने बताया कि यह गैंग पिकप लेकर गुरुवार की भोर में करीब तीन बजे धर्मागतपुर चट्टी पर पहुंचा। जहां मोहन चौहान का ट्रैक्टर मय ट्राली खड़ा था। उस पर मोहन के व्यवसायी पिता लिल्लू चौहान सहित अन्य व्यवसायियों के गल्ले लदे थे। जिन्हें सुबह जंगीपुर मंडी पहुंचाना था। गैंग के सदस्य ट्रैक्टर ट्राली से गल्ला उतार कर अपनी पिकप में लादने लगे। उसी बीच अपने पिता की दुकान के पास भाइयों संग मोहन आहट पाकर उठा। उसके बाद वह तथा उसके भाई गैंग के सदस्यों से भिड़ गए। गैंग का सरगना मोहन को पिकप में जबरिया बैठा लिया और फिर वह सभी पिकप लेकर दुल्लहपुर के लिए निकले। 

रास्ते में चलती पिकप से मोहन तथा गैंग सरगना में गुत्थम-गुत्थी चलती रही। तब गैंग के अन्य सदस्य मोहन के सिर पर डंडे का जोरदार प्रहार किए और पिकप से फेंकने लगे। तब मोहन गैंग सरगना को जकड़ लिया और दोनों सोनहड़ा मोड़ के पास पिकप से गिर पड़े। जहां मोहन की मौके पर ही मौत हो गई जबकि गैंग सरगना प्यारे प्रजापति गंभीर रूप से घायल हो गया। बावजूद वह खेतों के रास्ते ओड़राई स्थित पेट्रोल पंप पर पहुंचा। वहां फोर्स में भर्ती के लिए दौड़ लगा रहे युवकों से उसने इलाज के लिए मदद मांगी। 

युवकों से अपनी करतूत छिपाते हुए बताया कि वह मुंबई से आते वक्त ट्रेन से गिर गया था। युवक उसकी नाजुक स्थिति देख सरकारी एंबुलेंस बुलाए और उसे जखनियां सीएचसी भेज दिए। इधर इस घटना को लेकर गुस्साए ग्रामीणों ने धर्मागतपुर में रास्ता जाम कर दिया। मौके के लिए चले सीओ भुड़कुड़ा आलोक प्रसाद को रास्ते में उन युवकों ने बताया कि एक संदिग्ध रूप से जख्मी व्यक्ति को उन्होंने सरकारी एंबुलेंस से जखनियां सीएचसी के लिए रवाना किया है। तब सीओ भुड़कुड़ा ने फोन के जरिये सिपाहियों को जखनियां सीएचसी जाकर उस व्यक्ति पर नजर रखने को कहा। उधर सीएचसी में भी गैंग सरगना अपनी करतूत छिपाते हुए खुद की हालत गंभीर बता कर वाराणसी के लिए रेफर करने की बात करता रहा। 

कुछ देर बाद एएसपी सिटी प्रदीप कुमार जखनियां सीएचसी पहुंचे और उससे पूछताछ किए। उसकी बातों पर एएसपी सिटी को शक हुआ और उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कराए। फिलहाल पुलिस हिरासत में गैंग सरगना का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। उसके बताने पर ही गैंग के अन्य तीन सदस्यों को एसओ दुल्लहपुर विपिन सिंह ने पकड़ा। पुलिस कप्तान ने कहा कि मात्र 48 घंटे में इतनी बड़ी वारदात का पर्दाफाश करना पुलिस की बड़ी उपलब्धि है। इसके लिए उन्होंने एसओ दुल्लपुर को शाबाशी दी। 

पुलिस कप्तान ने बताया कि गैंग का सरगना प्यारे प्रजापति शातिर लुटेरा है। उसके खिलाफ गाजीपुर सहित आजमगढ़ तथा मऊ के विभिन्न थानों में गैंगस्टर सहित कई संगीन मामले दर्ज हैं। एक सवाल पर पुलिस कप्तान ने स्पष्ट किया कि मोहन चौहान की मौत गला घोंटने से नहीं बल्कि सिर पर संघातिक चोट से हुई थी। उसके प्राइवेट पार्ट पर कोई चोट नहीं थी।
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