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देवरिया कांडः पुलिस की रणनीति आई काम, नन्हकू का शव नहीं आया गांव

जमानियां। पुलिस की रणनीति काम आ गई। सीरियल अटैक में मारे गए देवरिया खास गांव के नन्हकू यादव के शव का बीएचयू में सोमवार की शाम पोस्टमार्टम हुआ। उसके बाद वाराणसी के ही हरिश्चंद्र घाट पर दाह संस्कार हो गया। घरवाले पहले शव को लेकर गांव देवरिया लाने वाले थे। गांव के लोगों की तैयारी थी कि शव को रख हाइवे पर जाम लगाया जाएगा। यह भनक मिलते ही पुलिस हरकत में आई। 

घरवालों सहित उनके करीबियों को समझाने का काम शुरू हुआ कि शव गांव लाया गया तो संभव हो कि विरोधी साजिश के तहत बवाल करा दें। तब लेने के देने पड़ सकते हैं। आखिर में वाराणसी में ही दाहसंस्कार करने की बात घरवाले मान गए। एहतियात के तौर पर देवरिया पुलिस चौकी इंचार्ज विजय शंकर द्विवेदी को शव के पोस्टमार्टम तथा दाहसंस्कार कराने के लिए भेजा गया था। मालूम हो कि विरोधियों ने बीते १९ सिंतबर की शाम एक ही वक्त में नन्हकू को शहर कोतवाली के अकलपुरा(रौजा) में नन्हकू यादव पर अटैक किया जबकि करीब उसी वक्त में नन्हकू के भाई अरविंद यादव को उनके गांव देवरिया की चट्टी पर गोली मारी गई थी। 

प्रतिक्रिया में ग्रामीणों ने एक शूटर अनुभव राय निवासी नेवाजू राय नगसर को मौके पर ही मौत के घाट उतार दिया था जबकि उसके साथी बसूका के शंकर राय को पुलिस ऐन मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों के चंगुल से बचा ली थी। इन दोनों हमलों के मामले में शहर तथा जमानियां कोतवाली में दोनों शूटरों के अलावा देवरिया के ही रहने वाले शिक्षामित्र संतोष राय बबलू, विनय राय पमपम, मोहन राय, राहुल राय, जयगोविंद राय तथा अवनीश राय को नामजद किया गया है। 

पुलिस अब तक फरार मुल्जिमों को गिरफ्त में नहीं ले पाई है। पीड़ित परिवार का कहना है कि नामजद मुल्जिमान क्षेत्र में ही घूम रहे हैं और धमकी भरे संदेश भी भेजवा रहे हैं। इसी बीच सपा का प्रतिनिधिमंडल पुलिस कप्तान से मिला। फरार मुल्जिमों की गिरफ्तारी के लिए दो दिन की मोहलत देते हुए चेतावनी दी कि उसके बाद पार्टी आंदोलन करने को बाध्य होगी। प्रतिनिधमंडल में जिलाध्यक्ष डॉ.नन्हकू यादव, रामधारी यादव, राजेश कुशवाहा, सुधीर यादव, अरुण कुमार श्रीवास्तव, दिनेश यादव, राजेंद्र यादव, मन्नू सिंह, अजय तिवारी, सूर्यमणि यादव, राजेश यादव आदि थे।
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