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पत्रकार राजेश मिश्रा हत्याकांड - मौके पर पहुंचे एडीजी, नाकाम मिले सीसीटीवी कैमरे

करंडा। आरएसएस के खंड कार्यवाह तथा पत्रकार राजेश मिश्र की हत्या के मामले में पुलिस के हाथ फिलहाल कुछ ठोस नहीं लगा है। अलबत्ता, अब तक की विवेचना के बाद पुलिस इसी निष्कर्ष पर पहुंची है कि हत्या के पीछे पुरानी अदावत है। यह अदावत कैसी और किससे है। पुलिस फिलहाल इसका जवाब नहीं दे रही है। इसी बीच मंगलवार की दोपहर पुलिस के एडीजी वाराणसी विश्वजीत महापात्रा मौके पर पहुंचे। 

उन्होंने घटनाक्रम की जानकारी ली। साथ ही एसपी सोमेन बर्मा से हत्यारों को गिरफ्त में लेने की कर्रवाई के बाबत चर्चा की। वह एसपी से यह भी जाने कि गिरफ्तारी के लिए लगी पुलिस टीमों की प्रगति रिपोर्ट क्या है। साथ ही उन्होंने घटना के चश्मदीद पत्रकार राजेश मिश्र के भांजे आकाश पांडेय से भी बात की। बाद में एडीजी वाराणसी ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई पर संतोष जताया। कहा कि हत्यारों तक पहुंचने के लिए लगाई गई टीमों के कार्य सही दिशा में चल रहे हैं। 

उन्होंने घटना के कारण के सवाल पर कहा कि मामला निजी अदावत का लग रहा है। हालांकि वह इसका जवाब नहीं दिए कि पत्रकार राजेश मिश्र की किससे और कैसी अदावत थी। करीब घंटे भर के बाद एडीजी वाराणसी लौट गए। मजे की बात यह कि पुलिस हत्यारों की पहचान के लिए घटनास्थल के आसपास पेट्रोल पंप, बैंक शाखाओं के सीसीटीवी कैमरे खंगालना चाही लेकिन कुछ बंद थे तो कुछ में तकनीकी गड़बड़ी मिली। 

लिहाजा पुलिस को उनसे कोई सहयोग नहीं मिला। घटना में पुलिस अब तक जिन संदिग्धों की सूची बनाई है। उनकी तलाश जारी है। मालूम हो कि बीते शनिवार की सुबह बाइक सवार दो बदमाश ब्राह्मणपुरा चट्टी पर पहुंचे थे और उनमें एक पत्रकार राजेश मिश्र की निर्माण सामग्री की दुकान में गया। वहां बैठे राजेश मिश्र पर उसने फायरिंग झोंक दी थी। बचाव में आगे आए उनके भाई अमितेश को भी उसने गोली मार दी थी। दोनों भाइयों को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जहां चिकित्सकों ने राजेश मिश्र को मृत घोषित कर दिया जबकि अमितेश को वाराणसी के लिए रेफर कर दिया। अमितेश का बीएचयू ट्रामा सेंटर में इलाज चल रहा है। इस घटना की गूंज लखनऊ, दिल्ली तक पहुंची।
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