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जब तक देश के बच्चे नही होंगे सुरक्षित तबतक आराम हराम है- कैलाश सत्यार्थी

बलिया/गाजीपुर। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी द्वारा शुरू किया गया। भारत यात्रा, 4 अक्टूबर को बलिया व आदर्श इंटर कालेज महुआबाग, गाजीपुर पहुंची। 35 दिनों के लम्बी मार्च के चौथे दिन पूरे देश में युद्ध के लिए आक्रामक जागरूकता पैदा करने के लिए बाल यौन शोषण और तस्करी कैलाश सत्यार्थी बच्चों के फाउंडेशन और यात्रा कोर मनोरचरों का स्वागत उत्साही बच्चों द्वारा किया गया जो यह सुनिश्चित करने के लिए उत्सुक थे कि वे अपनी चिंताओं को आवाज देते हैं और यात्रा में भाग लेते हैं। 

चन्द्रशेखर आजाद चौक से भगत सिंह चौक्कड़ तक लगभग 4000-5000 युवाओं की भागीदारी, और काम कर रहे पेशेवर सड़कों पर ले जाते हैं और हमारे देश के सबसे छोटे नागरिकों के लिए आवश्यक अधिकार मांगते हैं। ‘बाल बचने की रोकथाम’ और ‘यौन उत्पीड़न के साथ नीचे’ के नारे बलिया में गुमनाम हुए। 

यात्रा शिविर ने देश के नागरिकों से कहा कि भारत भर में बच्चों के लिए कदम उठाने और लड़ें। उन्होंने बलिया के लोगों से सुरक्षित बचपन और एक सुरक्षित भारत बनाने की दिशा में प्रयास करने का आग्रह किया। श्री। शैलेश गिरि महाराज, नाथ बाबा मठ ने कहा, “यदि बचपन खतरे में है, तो हम भारत को नहीं बचा सकते। उनकी सुरक्षा, सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए यह सभी की ज़िम्मेदारी है हमें अपने बच्चों और उन सक्षमों से परे विचार करना चाहिए, उन बाएं कमजोरों की ज़िम्मेदारी उठानी चाहिए! फाउंडेशन के प्रवक्ता ने यौन उत्पीड़न और हमले के बारे में चुप्पी को तोड़ने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि यह समाज के लिए गलत तरीके से स्थापित करना महत्वपूर्ण है, सही है! उन्होंने बच्चों को यौन दुर्व्यवहार और तस्करी से निपटने के लिए जरूरी बदलाव लाने के लिए युवाओं से अपील की कि यदि बच्चे घरों और स्कूलों में सुरक्षित नहीं हैं, तो वे वास्तव में कहाँ सुरक्षित हैं?

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