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सरकारी स्कूल के बच्चे कुपोषित, परीक्षण करने पहुंचे चिकित्सक हैरान

रेवतीपुर। एक ओर सरकार बच्चों को कुपोषित होने से रोकने के लिए तमाम कार्यक्रम, योजनाएं चला रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों से लगायत सरकारी स्कूलों में बच्चों को पुष्टाहार, दूध-फल उपलब्ध कराने के दावे किए जा रहे हैं लेकिन जमीनी सच्चाई यही है कि सरकारी स्कूलों के बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। यह हैरान करने वाला तथ्य शनिवार को ब्लाक के गौरा गांव स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में सामने आया। 

ज्वाइंट मेडिकल फोरम की टीम बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण तथा स्वच्छता को लेकर बच्चों को जागरूक करने पहुंची थी। करीब १५० बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण किए गए। फोरम के अध्यक्ष डॉ.जेएस राय ने कहा कि उनमें करीब 30 फीसद बच्चे कुपोषित मिले। साफ था कि कैल्शियम, प्रोटीन की कमी के कारण उनकी यह स्थिति थी। उन बच्चों को फोरम की ओर से कैल्शियम तथा प्रोटीन की टिकिया उपलब्ध कराई गई। 
साथ ही उन्हें इसे लेने की भी सलाह दी गई। डॉ.राय ने माना कि गांवों के बच्चों को भी पर्याप्त दूध तथा हरी सब्जी नहीं मिल रही है। वैसे परीक्षण में कुछ बच्चे चर्म तथा दंत रोग से भी पीड़ित मिले। इस मौके पर बच्चों को स्वच्छता के प्रति भी जागरूक किया गया। बताया गया कि गंदगी से क्या नुकसान है और सफाई से क्या लाभ। परीक्षण में राजेश सिंह, जेके यादव, आरके चौबे, एके जायसवाल, राजेश राय, मृत्युंजय सिंह आदि चिकित्सकों ने भी अपनी सेवा उपलब्ध कराई। कार्यक्रम में अरुण राय, जयशंकर राय, इंद्रासन सिंह यादव आदि उपस्थित थे। अंत में कार्यक्रम का आयोजक  एसएमटीए के महामंत्री धीरेंद्र प्रताप सिंह ने आभार जताया।
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