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जमानियां ब्लाक प्रमुख सीमा यादव के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस

जमानियां। ब्लाक प्रमुख सीमा यादव पत्नी दिनेश यादव के खिलाफ सोमवार को सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस दी। यह नोटिस सदस्य जिला मुख्यालय पहुंच कर डीएम के बालाजी को दिए। उस नोटिस के समर्थन में कुल 131 में 75 सदस्यों ने अपना शपथ पत्र भी नत्थी किया। हालांकि नोटिस देते वक्त सदस्यों की संख्या 31 थी। उनमें अकबर अंसारी, बलिराम पांडेय, विनोद गुप्त, कृष्णा यादव, अजय यादव, संजय गुप्त, रामप्रवेश राम आदि प्रमुख थे। अविश्वास प्रस्ताव की अगुवाई हरिवंश यादव कर रहे हैं। 

उनका कहना है कि क्षेत्र पंचायत में आम सदस्यों को अपमानित किया जा रहा है। विकास के कोई काम नहीं हो रहे हैं। ऐसे में ब्लाक प्रमुख पद पर सीमा यादव के रहने का कोई औचित्य नहीं है। आम चुनाव में सपा की सीमा यादव निर्विरोध ब्लाक प्रमुख चुनी गई थीं। हालांकि उस दौरान हरिवंश यादव ने भी नामांकन किया था लेकिन बाद में उन्होंने प्रदेश के तत्कालीन पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह की मध्यस्थता में अपना नाम वापस लेकर सीमा यादव को निर्विरोध जीत दर्ज कराने का मार्ग प्रशस्त कर दिए थे। 

बताते हैं कि हरिवंश यादव ओमप्रकाश सिंह के बेहद करीबी हैं। अपनी पत्नी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर गाजीपुर न्यूज़ से दिनेश यादव ने कहा कि अव्वल अविश्वास प्रस्ताव के लिए लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं। हकीकत यही है कि यह ब्लैकमेल की राजनीति का नतीजा है और तय है कि इसके पीछे लगे लोगों की मंशा कतई पूरी नहीं होगी। रही बात अविश्वास प्रस्ताव की अगुवाई कर रहे हरिवंश यादव की तो वह निर्माण समिति के चेयरमैन बनने की ख्वाहिश रखे थे। 

फिर उनकी पत्नी कुशी की ग्राम प्रधान हैं और लाखों रुपये के घोटाले में फंसी हैं। वह चाहते हैं कि उससे बचाने के लिए वह मदद करें। श्री दिनेश ने बताया कि ब्लाक प्रमुख सीमा यादव के समर्थन में आज भी ८३ सदस्य पूरी मजबूती से खड़े हैं। उनके शपथ पत्र लेकर वह भी डीएम से मिलने जिला मुख्यालय गए थे लेकिन संयोग रहा कि मुलाकात नहीं हुई। 

उधर अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस पर डीएम के बालाजी ने कहा कि नोटिस मिली है। पहले उसकी सत्यतता की जांच कराई जाएगी। उसके बाद आगे की कार्यवाही होगी। मालूम हो कि सपा के लिए यह दूसरा राजनीतिक हमला है। हाल ही में देवकली ब्लाक प्रमुख माधुरी यादव के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था लेकिन चर्चा के लिए तय दिन बैठक कोरम के अभाव में निरस्त कर दी गई थी।
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