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गाजीपुर: सांसद आदर्श गांव में घोटाला, शौचालय निर्माण में लाखों का गबन

शौचालय निर्माण में घटिया सामाग्री का उपयोग किये जाने की खबर के बाद जब ग्रामीणों का गुस्सा फूटा तो इस पूरे मामले का खुलासा हुआ।
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर बीेजेपी सांसद के आदर्श गांव डेढ़गावा में स्वच्छ भारत के तहत हो रहे शौचालय के निर्माण में बड़ा घोटाला सामने आया है। शौचालय के निर्माण में लाखों के गबन की शिकायत मिल रही है। शौचालय निर्माण में घटिया सामाग्री का उपयोग किये जाने की खबर के बाद जब ग्रामीणों का गुस्सा फूटा तो इस पूरे मामले का खुलासा हुआ।

घटिया शौचालय निर्माण को लेकर ग्रामीणों में ग्राम प्रधान के खिलाफ आक्रोश देखने को मिला। ग्रमीणों ने प्रधान द्वारा कराए जा रहे शौचालय निर्माण में घोटाला करने का आरोप लगाया और कहा कि शौचालय निर्माण में घटिया समान का प्रयोग किया जा रहा है। बता दें कि जिला के सुहवल थाना इलाके में डेढ़गावा गाव जो शहीद कर्नल मुनीन्द्र नाथ राय का भी गांव है और शहीद का गांव होने की वजह से बलिया सांसद भरत सिंह ने गोद लिया था। लेकिन सांसद के द्वारा गोद लेने के बाद भी अब तक कोई विकास कार्य नहीं किया गया। जो इस गांव की तस्वीरों से अंदाजा लगाया ज सकता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को खुले में शौच से मुक्त करने के लिये ओडीएफ योजना की भी शुरूआत की थी। जनपद गाजीपुर में ओडीएफ योजना के तहत करोड़ों रूपये आये और पूरे जनपद को दिसम्बर 2017 तक खुले में शौच से मुक्त यानि ओडीएफ करने का लक्ष्य भी रखा गया है पर ये योजना अपने अंजाम तक कितनी पहुंची जिसका रियलिटी चेक करने पर कई बातें सामने आई।

रियलिटी चेक के दौरान ग्रामीणों द्वारा शौचालय निर्माण में जिस ईट का प्रयोग किया गया है उसको ग्रामीणों द्वारा कैमरे के सामने तोड़ कर दिखाया। एक ही झटके में ईंट चकना चूर हो गया। बता दे कि डेढ़गांवा गांव को शहीद का गांव समझ कर सांसद आदर्श गांव के तहत बलिया सांसद भरत सिंह ने चुना हुआ है। ये शहीद कर्नल एम.एन.राय का गांव भी है जो कि कुपवाड़ा में आतंकी हमले में शहीद हुये थे पर वहाँ भी शौचालय योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी है।

जानकारी के मुताबिक जनपद गाजीपुर का सांसद आदर्श गांव डेढ़गांवा ओडीएफ योजना के तहत चयनित हैं। रेवतीपुर ब्लॉक के डेढ़गांवा गांव में जब हमने गांव के लोगों से ओडीएफ योजना के बारे में पूछा और शौचालयों का भौतिक सत्यापन किया तो कोई भी शौचालय हमें पूर्ण रूप से उपयोग के युक्त नहीं मिला। किसी शौचालय का गड्ढा नहीं बना था, किसी का गड्ढा था तो उसमें ढक्कन नहीं था तो किसी की छत गायब थी।

गांव वालों का कहना था कि शौचालय जितना बना है उसमें घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है, जिसके कारण शौचालय का उपयोग नहीं किया जा सकता। डेढ़गांवा में 330 शौचालय बनने के लिये करीब 40 लाख की धनराशि आयी थी पर वो कितनी उपयोग हुई यो इन शौचालयों को देखने से स्पष्ट हो जाता है। लोगों ने बताया कि जितने भी शौचालय बने वो मानक के अनुसार नहीं बने जिसकी वजह से इनका उपयोग कर पाना संभव नहीं है और अभी भी लोग खुले में शौच जाने के लिये मजबूर हैं।

वही जब इस मामले पर डीपीआरओ से जानने की कोशिश की गयी तो उनका फोन नहीं उठा ।मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि शौचालय निर्माण में यदि गुणवत्ता में कोई कमी पायी जाती है तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और दोनों गांव की अलग-अलग जांच करायी जायेगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी ।
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