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शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा की शुरू हुई तैयारी, दिसंबर के अंत तक हो सकती है परीक्षा

परिषदीय स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा कराने की तैयारी के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में शुरू कर दी गई है
इलाहाबाद. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परिषदीय स्कूलों में लंबे समय लंबित भर्तियो से रोक हटाने के साथ ही तय समय में लंबित भर्तियो को पूरा करने को कहा है। कोर्ट के इस अहम निर्देश के बाद बेसिक शिक्षा परिषद के अधिकारी तत्काल हरकत में आ गये हैं और जल्द ही परीक्षा सम्बन्धित जानकारियों के लिये पत्रवाली तैयार करने में लग गये है। जिससे न्यायलय के निर्देश के अनुसार निश्चित समय सीमा में भर्ती प्रक्रिया पूरी की जा सके। बेसिक शिक्षा परिषद के परिषदीय स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा कराने की तैयारी के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में शुरू कर दी गई है।

सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी डॉक्टर सुक्ता सिंह ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को शनिवार को पत्र लिखकर शिक्षक भर्ती की आहर्ता सहित अन्य जानकारी मांगी है। सहायक अध्यापकों की भर्ती लिखित परीक्षा के जरिये होनी है। जानकारी के अनुसार यह परीक्षा दिसंबर के अंत तक होना है। ऐसे में परीक्षा संस्था के चयन को लेकर शासन गंभीर है। सूचना मिलने के बाद शासन को भर्ती परीक्षा कराने के संबंध में विस्तृत प्रस्ताव भेजा जाएगा सरकार ने 150 अंकों की परीक्षा कराने का निर्णय लिया है इसमें बीटीसी या अन्य समकक्ष प्रशिक्षण प्राप्त और टीईटी सीटीईटी पास अभ्यर्थी शामिल हो सकेंगे ।

शिक्षक भर्ती परीक्षा के प्रस्ताव भेजने से पहले नियामक प्राधिकारी कार्यालय के अफसर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद एनसीटीई की गाइडलाइन के अनुसार समय समय पर बदलाव हाईकोर्ट के आदेश अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में संशोधन को अच्छे से समझ लेना चाहते हैं। ताकि भविष्य में कोई दिक्कत न हो। 68500 पद में सीतापुर में सबसे ज्यादा 2000 कुशीनगर में 1950 इलाहाबाद में 1400 बहराइच में 1350 शिक्षकों की भर्ती होनी है। अब तक बेसिक शिक्षा परिषद की निगरानी में ही शिक्षकों की भर्ती होती थी। लेकिन परीक्षा का निर्णय होने के बाद परीक्षा नियामक प्राधिकारी को जिम्मेदारी दी जा रही है। क्योंकि बेसिक शिक्षा परिषद के पास ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है।

परीक्षा के प्रस्ताव के बाद शासन भी जल्द ही फैसला करेगा क्योंकि अनुमोदन के बाद परीक्षा की तैयारी नये सिरे से की जायेगी। जिसके लिये पूरे विभाग को नये तरीके से जुटना पड़ेगा। परीक्षा नियामक प्राधिकारी को इस परीक्षा के मूल्यांकन के लिये विषय विशेषज्ञ की भी जरूरत पड़ेगी। क्योंकि यह परीक्षा ओएमआर सीट पर नही होगी। वैसे अगर देखा जाए तो परीक्षा नियामक कार्यालय डीएलएड की परीक्षा कई सालों से करा रही है, जिसका मूल्यांकन विषय विशेषज्ञ ही करते आये है। लेकिन पहली बार होने वाली शिक्षक भर्ती परीक्षा के मूल्यांकन को लेकर ख़ास तैयारियां होंगी। इस परीक्षा को कराने के लिये जितनी सतर्कता की जरूरत होगी। उतनी ही पारदर्शिता उसके मूल्यांकन में भी होगी।
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