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गाजीपुर: गहमरी जी के विरासत की लहर को रोकने के लिए योगी जी उतरेंगे लंका के मैदान में

गाजीपुर। विश्‍वनाथ सिंह गहमरी के विरासत के राजनैतिक लहर को रोकने के लिए स्‍वयं मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍य नाथ जिले में आ रहें है। भाजपा के हाईकमान ने नगर पालिका गाजीपुर में अपनी स्थिति को समझते हुए यह निर्णय लिया है। हाईकमान को यह भलीभांति जानकारी है कि गाजीपुर में भाजपा के अंदर गुटबाजी और आंतरिक कलह है। जिसके चलते राजपूत मतदाता उपेक्षित महसूस कर रहें है। 

इस डैमेज को रोकने के लिए पहले तो पार्टी के बड़े नेताओं ने राजपूत एमएलसी व विधायक को मैदान में उतारा, लेकिन बात न बनती देख अंत में हाईकमान को यह निर्णय लेना पड़ा की मुख्‍यमंत्री स्‍वयं इस डैमेज को कंट्रोल करने के लिए 17 नवंबर को लंका मैदान एक जनसभा को संबोधित करेंगे और रूठों को मनाने का प्रयास करेंगे। स्‍व. प्रेमा सिंह नगर पालिका अध्‍यक्ष पद के लिए सपा प्रत्‍याशी है। गहमरी जी ने पहली बार जिले के विकास के लिए विश्‍वनाथ सिंह गहमरी की पुत्री श्री मती संसद में आवाज उठाई थी। 

उनके भावपूर्ण भाषण को सुनकर नेहरू जी रो दिये थे और उन्‍होने पटेल आयोग का गठन किया। उसी आयोग के सुझाव पर पूर्वांचल निधि कोष बनाया गया। पटेल आयोग के सुझाव पर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजीपुर गंगा ब्रिज पर रेलवे पुल का पिछले दिनों शिलान्‍यास किया। गहमरी जी गाजीपुर के राजनीतिक क्षेत्र के कर्मवीर है जिनका नाम आज हर जनप्रतिनिधि, कार्यकर्ता अपने संबोधन में बड़ आदर से लेता है।  

एक तरफ गहमरी जी का नाम इसके बाद विवेक सिंह शम्‍मी का लगातार पांच वर्ष जनता के बीच में रहकर उनकी समस्‍याओं के लिए लडाई लड़ने का कार्य करने का मुद्दा मिलने से साइकिल की रफ्तार तेजी से बढ रही है। इस रफ्तार को देखकर भाजपा के हाईकमान ने मुख्‍यमंत्री जी को गाजीपुर जाने के लिए आग्रह किया जिससे की डैमेज को कंट्रोल किया जा सकें। मुख्‍यमंत्री योगी जी अपने मकशद मे कितना कामयाब होंगे यह तो आने वाला समय बतायेगा।
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