जमानियां: मां-बेटी की मौत बनी पहेली, पुलिस को भी उलझाए मौका-ए-सबूत
जमानियां। घर में बड़े के नाम पर मात्र तीन महिलाएं। उनमें एक की बेटी संग हो जाती है मौत। सवाल उठता है कि यह खुदकुशी है या कत्ल। दिलदारनगर थाने के खजुरी गांव का यह मामला पुलिस के लिए पहेली बन गया है। मौके-ए-सबूत मामले को और उलझा दिए हैं। दोनों मृतकों के गले पर दबाव के निशान हैं। फिर सवाल उठता है कि क्या उनका गला घोंटा गया।
यह काम किसने किया। घर में मौजूद वृद्ध सास सुगिया और जेठानी ने ऐसा किया लेकिन यह संभव नहीं लगता। पड़ोसी कहते हैं कि मृत नीलम(31) की अपनी सास व जेठानी से अनबन की बात कभी सामने नहीं आई। रही बात खुदकुशी की तो बुधवार की सुबह मौके पर पुलिस पहुंचती है। अलग-अलग चारपाई पर मां-बेटी की लाश पड़ी थी। नीलम के मासूम बच्चे बताए कि मां फांसी लगाई लेकिन बहन काजल(10) की मौत कैसे हुई।
इसका जवाब उनके पास नहीं था। सवाल है कि नीलम अगर बेटी संग खुदकुशी की तो अपनी अन्य मासूम तीन संतानों को क्यों छोड़ दी। नीलम का पति सोहन राजभर सूरत में ट्रक चलाता है जबकि जेठ मोहन राजभर किसी खाड़ी देश में कमाता है। नीलम मंगलवार को दिलदारनगर गई थी। बैंक खाते से रुपये निकाल कर लाई। सास बताई कि लौटने के कुछ देर बाद नीलम का मिजाज उखड़ गया था।
वह अपना मोबाइल फोन तक तोड़ डाली थी लेकिन रात के पहर नीलम बेटी काजल सहित बेटा साहिल(6), हनी(5) तथा बेटी कंचन(4) संग भोजन की थी। सवाल यह कि नीलम किस पर गुस्से में थी। गुस्से में फोन तोड़ने का क्या मतलब था। क्या घर में ही किसी से झगड़ा हुआ था कि पति से फोन पर उसकी कोई ऐसी बात हो गई थी जो उसे नागवार लगी थी।
नीलम का मायका चंदौली के सकलडीहा थाने के श्रीरामपुर कमहरिया गांव में था। बहन तथा भांजी की मौत की खबर पाकर नीलम का भाई बबलू मौके पर पहुंचा लेकिन वह भी घटना का कारण नहीं समझ पाया। सीओ रामबहादुर सिंह का कहना है कि मां-बेटी की मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।