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गाजीपुर: नगरपालिका गाजीपुर चुनाव के चक्रव्यूह में अर्जुन के रुप में उभरे एमएलसी चंचल सिंह

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर नगरपालिका गाजीपुर के अध्‍यक्ष पद के चुनाव के चक्रव्‍यूह में अर्जुन के रुप में जिले के राजनीति में एमएलसी चंचल सिंह उभरे हैं। यह चर्चा राजनीति गलियारों में जोरों पर है। गाजीपुर नगरपालिका का चुनाव पूरे जिले में चर्चा का विषय बना रहा। 

भाजपा, सपा और बसपा ने भी दमदारी से इस चुनाव को लड़ा। इन तीनों दलों के राजनीतिक योद्धाओं ने चुनाव का फैसला अपने पक्ष में करने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगा दिया। इस चुनाव में विश्‍वनाथ सिं गहमरी की पुत्री श्रीमती प्रेमा सिंह के चुनाव मैदान में उतरने से पूरे जिले के राजपूत नेताओं का यह चुनाव महाभारत बन गया था। इसमे पूर्व से लेकर वर्तमान जितने भी राजपूत नेता थे वह इस बाजी को अपने पक्ष में करके जिले के राजनीति में राजपूतो सिरमौर्य बनना चाहते थें। 

इस चुनाव में सबसे ज्‍यादा राजपूतों के दिग्‍गज नेता पूर्व पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह, पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह, पूर्व विधायक डा. राजकुमार सिंह गौतम, एमएलसी अरविंद सिंह व युवा नेता विवेक सिंह शम्‍मी इस चुनाव को अपने पक्ष में करने के लिए हर संभव प्रयास किये। इन नेताओं ने चुनाव प्रचार के लिए नगर में घर-घर जाकर जनसंपर्क किया, नुक्‍कड़ सभाएं की। लेकिन व्‍यापारी मतदाताओं में सेंध नही लगा पाये और भाजपा ने बाजी मार ली। भाजपा की तरफ से जीत का कमान सीएम योगी ने एमएलसी चंचल सिंह को सौंपा था। 

एमएलसी चंचल सिंह ने भी सपा के नेताओं के हर राजनीति दांव का जवाब बड़ी चतुराई और शांतिपूर्वक दिया। व्‍यापारियों को एकजुट करने में चंचल सिंह सफल रहे और अपने प्रत्‍याशी को लगभग तीन हजार मतों से जीता दिया। जिले के राजनीतिक जगत में इस जीत का सेहरा चंचल सिंह के सिर बांधा। जिन्‍होने सपा के बड़े नेताओं दमदारी से जवाब दिया। चंचल सिंह एमएलसी का चुनाव भी निर्दलीय उम्‍मीदवार के रुप में जीते थें उन्‍होने सपा सरकार में समाजवादी उम्‍मीदवार डा. सांनद सिंह को पराजित कर अपने राजनीतिक शक्ति का विरोधियों को एहसास कराया था। 

बदलते समय और विकास की प्राथमिकता को लेकर एमएलसी चंचल सिंह ने भाजपा की सदस्‍यता ग्रहण किया। भाजपा के बड़े नेताओं ने चंचल सिंह के पर कतरने का प्रयास किया लेकिन वह अपने मंसूबो में सफल नही हो पाये। भाजपा के जीत पर नगर में चर्चा है कि नगरपालिका तो जीत गये अब लोकसभा चुनाव में चंचल सिंह क्‍या कर पाते हैं।
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