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गाजीपुर: मकोका का दंश झेल चुके बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी, एमएलसी बृजेश सिंह, माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी, यूपीकोका को लेकर माफियाओं में खलबली

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर मकोका का दंश झेल चुके बाहुबली विधायक मुख्‍तार अंसारी, एमएलसी बृजेश सिंह, माफिया डॉन मुन्‍ना बजरंगी, यूपीकोका को लेकर माफियाओं में खलबली मची हुई है।  मुंबई में जब 90 के दशक में अंडरवर्ल्ड की तूती बोलने लगी और संगठित अपराध का बोलबाला स्थापित होने लगा तो महाराष्ट्र सरकार ने इस पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल आफ आगेर्नाइज्ड क्राइम एक्ट) 1999 में बनाया था। इसका मुख्य मकसद संगठित और अंडरवर्ल्ड अपराध को खत्म करना था। इसके बाद देश के दूसरे राज्यों में इसे लागू किया गया। खास यह कि उत्तर प्रदेश में इस तरह का कानून नहीं है लेकिन बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के लेकर उनके करीबी मुन्ना बजरंगी और भाई मेराज के साथ कट्टर विरोधी एमएलसी बृजेश सिंह के खिलाफ इसके तहत कार्रवाई ही नहीं हुई है बल्कि लंबे समय तक जेल की सलाखों के पीछे रहना पड़ा है। एक्ट में जमानत मिलती नहीं और निस्तारण होने के बाद ही सलाखों से मुक्ति मिलती है।

सूबे में भाजपा सरकार ने भू-माफिया, खनन माफिया और संगठित अपराधियों से निपटने के लिए प्रदेश में संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक (कोका) को मंजूरी दे दी है। गृह विभाग के इस मसौदे को योगी सरकार ने हरी झंडी दे दी है। इसके तहत संगठित अपराध जैसे अंडरवर्ल्ड से जुड़े अपराधी, जबरन वसूली, फिरौती के लिए अपहरण, हत्या या हत्या की कोशिश, धमकी, उगाही सहित ऐसा कोई भी गैरकानूनी काम जिससे बड़े पैमाने पर पैसे बनाए जाते हैं, मामले शामिल है। कोका कानून को 14 दिसंबर से शुरू हुए विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में पेश किया गया, जिसको मंजूरी दे दी गई। इसके बाद इसे राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा जाएगा, वहां से मंजूरी मिलते ही यूपी में कोका कानून बन जाएगा।
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