गाजीपुर: अधिकार व सम्मान के लिए एकजुट हो पसमांदा मुस्लिम मौर्चा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर पसमांदा मुस्लिम मोर्चा के तत्वावधान में पसमांदा वीर सपूत अमर शहीद शेख भिखारी की याद में विचार गोष्ठी का आयोजन भारद्वाज भवन लंका ग़ाज़ीपुर के सरजू पांडे सभागार में समपन्न हुआ। विचार गोष्ठी का विषय ,साझी शहादत साझी विरासत की सार्थकता रहा। शेख भिखारी जिन्हें अंग्रेजों ने झारखंड के चुटू पालू घाटी में 8 जनवरी 1858 को बरगद के पेड़ पर लटका कर फाँसी दे दिया था। शेख भिखारी जिन्होंने भारत की मुक्ति के लिए हँसते-हँसते फांसी का फंदा चुम लिया। लेकिन अंगेजो के सामने झुकना स्वीकार नही किया। शेख भिखारी के साथ टिकैत उमराव सिंह को भी फाँसी दे दी गयी ।
भला इससे बड़ी साझी शहादत की मिसाल क्या हो सकती हैं दोनो शहीदों के जज्बे को सलाम करते हुए कार्यक्रम के प्रारंभ में गीतकार महेन्द्रकुमार ने जनवादी क्रांतिकारी गीत (“सर न झुकाओ शीश कटा दो, जिनका था कहना याद उन्हें रखना”) सुनकर शहीदों की याद को श्रोताओं के दिलो में ताजा कर दिया इसी क्रम में राम सुकल राम ने इंकलाबी गीत “रुके न जो झुके न जो, हम वो इन्कलाब है ,जुल्म का जवाब है,। सुनाकर जूल्म न सहने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विधायक खुर्शीद आलम ने अपने सम्बोधन में कहा कि शेख़ भिखारी जो एक बुनकर अंसारी परिवार में पैदा हुए थे जिनके दिलों में देशभक्ति का जज्बा इस कदर था कि अंग्रेजी सत्ता भी हिलती थी। अंग्रेज कमिश्नर मैक डोनाल्ड ने जिन्हें 1857 के संग्राम का खतरनाक बागी कहा है।
शेख भिखारी की तरह शोषितों, वंचितों,मेहनतकशो, दलितों पिछड़ो की एक बड़ी संख्या स्वाधीनता आंदोलन में शहीद हुए थे ।जिन शहीदों को इतिहास में उचित स्थान नही मिला और न उनके वारिसों को शासक वर्ग की योजनाओं से कोई लाभ हुआ। आज स्थिति और भी भयावह होती जा रही है। फिर हमें मेहनतकशों की खुशहाली के लिए जिस तरह हिन्दू मुस्लिम देश को आजाद कराये उसी तरह मिलजुलकर साझी शहादत साझी विरासत के जज्बे को कायम रखना है। देश समाज मे नफरत फैलाने वालों से सावधान रहना है।
मुख्य वक्ता भा0क0पा0 जिला सचिव अमेरिका सिंह यादव ने कहा कि आज देश के समक्ष नई आर्थिक नीति के नाम पर गरीबो का शोषण तेज हो गया है हमसब मिलकर देश की आजादी में खून दिया था हिन्दू, मुस्लिम, सिख,ईसाई एक सूत्र बंधकर स्वधीनता प्राप्तकिया आज इस साझी शहादत एव साझी विरासत पर गहरा हमला किया जा रहा है नफरत के शोले भड़काये जा रहे है ऐसी दशा में पुनः एक होकर इसे रोकना समय का तकाजा है।
कार्यक्रम में डॉ0 वसीम अख्तर, का0 मोती प्रधान, फैयाज अहमद शाह, डॉ0 राधेश्याम केशरी, एज़ाज़ अहमद फिरोज अली, आरिफ अंसारी, पवन कुमार, जीतेन्द्रनाथ घोष रामानंद, गौतम एडवोकेट, अमरनाथ एडवोकेट, इंतेखाबआलम इत्यादि। आज के दौर में साझी शहादत साझी विससत को आवश्यक बताया पसमांदा मुस्लिम मोर्चा के संयोजक डॉ0 इक़बालअंसारी सबसे निचले पायदान पर गुजर बसर करने वाले आदीवासी वनवासी समाज के होनहार क्रांतिकारी राजेश वनवासी को अंग वस्त्रम दे कर सम्मानित किया। कार्यक्रम के आयोजक नेहाल अंसारी ने कार्यक्रम में आये हुए अतिथियों, वक्ताओं एव समस्त श्रोताओ का आभार प्रकट किया और कहा कि इस ठंड के मौसम में आप सभी की उपस्थिति की जितनी सराहना की जाए वह कम है।