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गाजीपुर: पूर्व मंत्री विजय मिश्र के बयान पर आमजन में हो रही तीखी प्रतिक्रिया

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर आमजन में लगभग भुला दिए गए पूर्व मंत्री विजय मिश्र एक बार फिर अपनी जमीन बनाने की कोशिश में हैं। इसके लिए उन्होंने स्पोर्टस कॉंप्लेक्स के शिलान्यास को मुद्दा बनाया है। इसको लेकर काफी दिनों बाद पहली बार मंगलवार को मीडिया से मुखातिब हुए। बोले-उन्होंने अपने कार्यकाल में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम तथा ऑडिटोरियम का शिलान्यास कराया था लेकिन मौजूदा भाजपा सरकार दोबारा उसका शिलान्यास करा कर अपनी पीठ थपथपा रही है। 

यहां तक कि उनकी शिलान्यास पट्टिका को हटा कर भाजपा सरकार अपनी पट्टिका लगा दी है। फिर वह मंत्री रहते ट्रामा सेंटर तथा 200 बेड का नया जिला अस्पताल का निर्माण शुरू कराए थे लेकिन आज चिकित्सकीय व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। वह भाजपा सरकार को नसीहत वाले अंदाज में कहे कि उनके कार्यकाल में गाजीपुर के विकास की खींची लकीर को आगे बढ़ाए। उनका यह कथन सामने आते ही लोग तीखी प्रतिक्रिया जताने लगे हैं। लोगों का कहना है कि यही विजय मिश्र हैं कि अपनी ही तत्कालीन पार्टी सपा के पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह के प्रयास से बने रौजा ओवरब्रिज का श्रेय खुद के लिए लपक लिए थे। 

ओवरब्रिज के लोकार्पण के शिलापट्ट पर श्री सिंह की जगह अपना नाम जड़वा दिए थे। इतना ही नहीं वह शिलापट्टों पर अपने नाम को लेकर इतने उतावले रहते थे कि इसके लिए गाजीपुर शहर के आमजन की जरूरतों, समस्याओं को नजर अंदाज कर तत्कालीन नगर पालिका चेयरमैन विनोद अग्रवाल का पॉवर तक सीज करा दिए। ऐसा उन्होंने दो बार किया। इसके चलते नगर पालिका का कामकाज प्रभावित होता रहा। 

इतने पर ही उनको संतोष नहीं था। श्री अग्रवाल की लगी शिलापट्टिकाओं को वह अपने लोगों से तोड़वाने से भी परहेज नहीं किए थे। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने पूर्व मंत्री के कथन पर चुटकी लेते हुए ठेठ अंदाज में कहा कि सुपवा बोले त बोले, चलनियो बोले जेमे बहत्तर छेद…। मालूम हो कि विजय मिश्र वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में गाजीपुर सदर सीट के लिए सपा का टिकट लेकर आए। 

वोटों का समीकरण ऐसा बना कि जीत गए। फिर किस्मत आगे बढ़ी और तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें अपने मंत्रिपरिषद में जगह दे दिया। हालांकि बाद में उनसे अखिलेश यादव का मोह कम होने लगा। पहले अतिरिक्त ऊर्जा जैसा अहम विभाग छीन लिए और लगभग महत्वहीन माने जाने वाले धर्मार्थ कार्य विभाग दिए। फिर जब वर्ष 2017 के चुनाव की बारी आई तो उनका टिकट तक काट दिए। उसके बाद श्री मिश्र बसपा में शामिल हो गए। फिलहाल वह वहीं पड़े हैं।
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