गाजीपुर: डा. महेंद्र नाथ पांडेय के टीम में यादव को सम्मान, कुशवाहा को विराम
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. महेंद्रनाथ पांडेय के टीम में यादव को सम्मान और कुशवाहा समाज पर विराम की चर्चा राजनैतिक गलियारों में जोरों पर चल रहा है। डा. महेंद्र नाथ पांडेय ने दो दिन पहले प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों व कार्यकारिणी की घोषणा की। जिसमे सबसे ज्यादे ब्राह्मण समाज को स्थान मिला। इसके बाद राजपूत समाज के लोग नम्बर दो पर रहे, फिर हर समाज को थोड़ी-थोड़ी रेवड़ी बांटी गयी। संगठन और कार्यसमिति में पहली बार यादव समाज को सम्मान मिला और कुशवाहा समाज को विराम दिया गया है।
यादव मतदाता परम्परागत समाजवादी पार्टी के वोटर माने जाते हैं। दो दशक से यादव मतदाता समाजवादी पार्टी के पक्ष में झूमकर अपना मतदान करता है। कुशवाहा समाज पहले भाजपा का पम्परागत वोट हुआ करता था। भाजपा में कल्याण सिंह के हासिये पर आने के बाद कुशवाहा मतदाता बसपा के पाले में चला गया। बाबू सिंह कुशवाहा के मुद्दे को लेकर कुशवाहा समाज का बसपा से मोह भंग हुआ और विधानसभा व लोकसभा चुनाव में केशव प्रसाद मौर्या के नेतृत्व में कुशवाहा समाज लामबंद होकर भाजपा को वोट देकर केंद्र में मोदी और यूपी में योगी की सरकार बना दी।
मुख्यमंत्री पद पर भाजपा के हाईकमान ने वादाखिलाफी करते हुए केशव प्रसाद मौर्या के जगह जब योगी आदित्यनाथ जी को प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया तब कुशवाहा समाज मायूस हो गया। तबसे लगातार कुशवाहा समाज की उपेक्षा की जा रही है। संगठन में व कार्यसमिति के गठन में यह मामला पूरी तरह से प्लेटफार्म पर आ गया। पूर्व एमएलसी शिवनाथ यादव को प्रदेश का उपाध्यक्ष व सुभाष यादव को प्रदेश के युवा मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया है। इस संदर्भ में नयी कमेटी के प्रदेश मंत्री रामतेज पांडेय ने पूर्वांचल न्यूज डाट काम को बताया कि किसी के साथ कोई अन्याय नही हुआ है, कुशवाहा समाज को डिप्टी सीएम, कैबिनेट मंत्री तथा संगठन में भी कई महत्वपूर्ण पद दिये गये हैं।
राष्ट्रीय नीति के तहत भाजपा से दूरी बनाने वाले यादव समाज को सम्मान दिया गया है। हाईकमान यह चाहता है कि यादव समाज को सम्मान देकर भाजपा से जोड़ा जाये। उत्तर प्रदेश को-आपरेटिव यूनियन लिमिटेड लखनऊ के उमाशंकर कुशवाहा ने बताया कि भाजपा राष्ट्रीय पार्टी है इसमे कुशवाहा को सम्मान बहुत मिला है। थोड़ा बहुत कहीं कुछ कमी है उसे कही और पूरा कर दिया जायेगा। नेताओं का तर्क-वितर्क चाहे जो भी हो लेकिन कुशवाहा समाज में यह संदेश जा रहा है कि कहीं न कहीं उसकी उम्मीद को नजर अंदाज किया जा रहा है। इसका परिणाम क्या होगा यह तो आने वाले लोकसभा चुनाव 2019 का परिणाम बतायेगा।