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गाजीपुर: पार्टी समर्थक परिवार के खिलाफ कार्रवाई से भड़के भाजपाई, करीमुद्दीनपुर थाने में घंटों दिए धऱना

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर बाराचवर पार्टी समर्थक परिवार के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई से गुस्साए भाजपाई सोमवार की शाम करीमुद्दीनपुर थाने में करीब तीन घंटे तक धरना दिए। उनका कहना था कि बाराचवर ग्राम पंचायत के पार्टी समर्थक रामाशीष सिंह तथा उनके भाई पारस सिंह की गिरफ्तारी सरासर गलत है और इस मामले में दोषी एसडीएम मुहम्मदाबाद ज्ञानप्रकाश यादव के खिलाफ कार्रवाई के साथ उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाया जाए। 

शाम छह बजे धरनारत भाजपाइयों से फोन पर डीएम के बालाजी की बात हुई। डीएम ने भरोसा दिया कि एसडीएम मुहम्मदाबाद को हटाया जाएगा। उसके बाद धऱना समाप्त करने का फैसला हुआ। मामला ग्राम पंचायत की गड़ही का है। रामाशीष सिंह तथा पारस सिंह रविवार की रात उसकी भराई कर रहे थे। तब कुछ लोगों ने उन्हें रोका। उसके बाद उनकी सूचना पर एसडीएम मुहम्मदाबाद ज्ञानप्रकाश यादव मय एसओ करीमुद्दीनपुर मौके पर पहुंचे और गड़ही के विवादित हिस्से को चिन्हित कर घेरेबंदी कर लौट गए। 

जाते वक्त वहां एहतियातन पुलिस कर्मियों को तैनात कर दिए लेकिन भोर में करीब चार बजे पुलिस कर्मी वहां से हटे तब फिर जेसीबी तथा ट्रैक्टर से गड़ही में मिट्टी भराई का काम शुरू कर दिया गया। यह सूचना मिलने के बाद एसओ करीमुद्दीनपुर सुधाकर राय दोबारा मौके पर पहुंचे और पारस सिंह(60), रामाशीष सिंह(58), रामचीज सिंह(80), निर्भय सिंह(22), मौला सिंह(55) तथा रामबिलास यादव(50) को थाने ले जाकर हवालात में बंद कर दिए। इसकी खबर लगते ही भाजपाई थाना मुख्यालय पहुंचे। 

कार्रवाई के बाबत एसओ ने उच्चाधिकारी के आदेश का हवाला देते हुए गिरफ्तार लोगों को छोड़ने से मना कर दिया। थाना मुख्यालय से ही कुछ भाजपा नेताओं ने एसडीएम से फोन पर संपर्क की कोशिश की लेकिन उधऱ से उनका फोन रिसीव नहीं किया गया। उसके बाद तो पार्टी कार्यकर्ता उद्वेलित होकर एसडीएम के खिलाफ थाने में धरना पर बैठ गए। साथ ही इसकी सूचना संगठन के पदाधिकारियों तथा सांसद बलिया को दी गई। 

मामले की नाजुकता समझ एसओ करीमुद्दीनपुर ने गिरफ्तार लोगों को हवालात से बाहर निकाल कर छोड़ दिया। बावजूद भाजपाइयों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ गए। धऱने में वरिष्ठ नेता शशिभूषण सिंह नथुनी, मंडल अध्यक्ष संपूर्णानंद उपाध्याय, किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष कृष्णानंद राय, पूर्व मंडल अध्यक्ष टुनटुन सिंह, मंडल उपाध्यक्ष हिमांशु राय, विजेंद्र सिंह, रमेश सिंह, पप्पू महंथ, प्रदीप सिंह, देवेंद्र सिंह देवा, ओमप्रकाश कुशवाहा, बबलू राय, सुनील जायसवाल, सनातन राय आदि थे। 

इसी बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता जितेंद्र नाथ पांडेय से इस बाबत चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि प्रशासन की कार्रवाई सरसार अन्यायपूर्ण है। प्रशासन जिस भूखंड को ग्राम पंचायत का बता रहा है। उसकी सच्चाई यह है कि वर्ष 2009 में पारस सिंह ने उसे अपने नाम से पट्टा कर लिया था और वहां मवेशी बांधने लगे थे। श्री पांडेय ने कहा कि वह फिलहाल लखनऊ में हैं लेकिन प्रशासन की ज्यादाती की खबर मिलने के बाद वह लौट रहे हैं। 

उधर एसडीएम मुहम्मदाबाद ज्ञानप्रकाश यादव ने कहा कि अव्वल तो गड़ही ग्राम पंचायत की है। उस पर अवैध कब्जे की सूचना डीएम तक पहुंची। डीएम के आदेश पर वह मय फोर्स मौके पर गए। अवैध कब्जे को हटवाया गया और भूखंड को बांस से बैरिकेडिंग कराई गई लेकिन फोर्स के हटने के बाद दोबारा अवैध कब्जे का काम शुरू हो गया। दोबारा फोर्स पहुंची और संबंधित लोगों को थाने ले आई। एसडीएम ने कहा कि इस मामले में किसी को थाने की हवालाता में नहीं डाला गया।

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