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लोकसभा 2019: पिछड़ों को अपने पाले में लाने के लिए भाजपा और विपक्ष में दंगल शुरु

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर लोकसभा 2019 के चुनाव में ओबीसी की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए पिछड़ों को अपने पात में बैठाने के लिए भाजपा और विपक्ष का दंगल शुरु हो गया है। 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी बीजेपी ने ‘ओबीसी पॉलिटिक्स’ तेज कर दी है। उधर विपक्षी दलों ने भी बीजेपी की इस कोशिश को भांपते हुए श्रेय लेने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। 

एक तरफ योगी सरकार सूबे में 17 ओबीसी जातियों को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने की तैयारी कर रही है। वहीं दूसरी तरफ ओबीसी वर्ग में तीन हिस्से करने की तैयारी है, एक पिछड़ा एक अति पिछड़ा और एक अत्यधिक पिछड़ा। योगी सरकार की इस ओबीसी पॉलिटिक्स ने विपक्षी दलों में खलबली मचा दी है। सपा हो या कांग्रेस सभी का ये कहना है कि योगी सरकार का लक्ष्य सिर्फ 2019 का लोकसभा चुनाव है, इसलिए आरक्षण की राजनीति कर रही है, होना कुछ नहीं है। हालांकि साथ ही दोनों ये भी बताते हैं कि 17 जातियों के संबंध में सबसे पहले उन्होंने ही पहल की थी। 

दरअसल अखिलेश यादव ने 17 ओबीसी जातियों को अनूसूचित जातियों में शामिल करने का दांव 2017 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले दिसंबर 2016 में चला था। लेकिन मामला केंद्र सरकार के पास ही अटका रह गया था। अब इस मुद्दे को योगी सरकार ने लपकते हुए कदम बढ़ा दिए हैं। माना जा रहा है कि आने वाले छह महीनों में ये काम पूरा हो जाएगा। 

उधर योगी सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर के मुताबिक उन्होंने केंद्र से इस बारे में बात की है और यूपी सरकार ने सपष्ट कर दिया है कि केंद्र अगर चाहे तो पुराने प्रस्ताव पर ही मंजूरी दे दे और अगर ऐसा न हो पाए तो उनके पास इसके लिए नया प्रस्ताव भी तैयार है। जिन 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किया जाना है, उनमें कहार, निषाद, कुम्हार, धीवर, बिंद, बाथम, मांझी, मधुआरा, कश्यप, केवट, मल्लाह, तुरहा, भर, गोंड, प्रजापति, राजभर शामिल हैं। 

मामले में उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष राम आसरे विश्वकर्मा कहते हैं कि उन्हें खुशी होगी कि राज्य औऱ केन्द्र में सत्तारुढ़ दल बीजेपी 17 ओबीसी जातियों को फायदा दे दें। हालांकि उनका मानना है कि बीजेपी सिर्फ सियासी फायदा लेने के लिए इस तरह का हथकंडा अपना रही है। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार 17 ओबीसी जातियों को एससी वर्ग में करने का जो दावा कर रही है वह सिर्फ जुमलेबाजी है. राम आसरे ने कहा कि बीजेपी की केन्द्र सरकार ने ही 2015 में तत्कालीन सपा सरकार के मसौदे को लटका दिया था, जिसमें 17 जातियों को एससी कैटेगरी का लाभ दिए जाने की शिफारिश की गई थी।

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