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गाजीपुर: कामयाब व मिलनसार एस आनंद के आईपीएस बनने पर गाजीपुरवासियों में हर्ष

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर केन्द्र में डीपीसी के बाद जिन 24 पीपीएस अधिकारियों को आईपीएस बनाया गया है उनमें एस. आनंद भी शामिल हैं। अपराधियों के लिए आतंक का पर्याय माने जाने वाले इस अधिकारी ने न सिर्फ पूर्वांचल के कई कुख्यात अपराधियों को ढेर किया बल्कि सनसनीखेज वारदात का वास्तविक खुलासा किया। पिछले सवा दशक से वह एसटीएफ में हैं और उनके निर्देशन में टीम की अलग पहचान रही। खास यह कि लो प्रोफाइल रहने वाले एस.आनंद का काशी से पुराना नाता है और यहीं पढ़ाई के बाद वह आईपीएस भी बने। 

प्रदेश पुलिस सेवा से 1991 बैच के अफसर एस. आनंद के पिता बीएचयू आयुर्वेदिक संकाय के बड़े डाक्टर ही नहीं बल्कि यहां होने वाली क्षारसूत्र चिकित्सा के जनक कहे जाते हैं। गाजीपुर में कामयाब व मिलनसार सीओ के रुप में एस आनंद ने अपनी अलग पहचान बनायी है। दो दशक बाद आज भी लोग एस आनंद का उदाहरण देते हैं। शुरूआत में पश्चिम उत्तर प्रदेश में रहे लेकिन संगठित रूप से अपराध को अंजाम देने वालों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर वह गाजीपुर में तैनाती के दौरान चर्चा में आये। 

इसके बाद कुछ दिनों तक मऊ रहे। आजमगढ़ में तत्कालीन कप्तान एसके भगत और नवीन अरोड़ा के कार्यकाल के दौरान उन्होंने अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर करना शुरू किया। दूधनाथ यादव व जयहिन्द यादव सरीखे दुर्दांत अपराधी उनके आगे टिक नहीं सके। एसटीएफ में 2006 में आने के बाद 50 हजारा इनामी दिलीप यादव को मुंबई में मुठभेड़ के दौरान मारा था जबकि रूदल यादव को नेपाल की सीमा पर। आजमगढ़ में जेलर की हत्या करने वाले शेरू उर्फ तैय्यब और भीम को उनके अंजाम तक पहुंचाने के साथ वाराणसी में डिप्टी जेलर अनिल त्यागी के शूटरों की गिरफ्तारी में भी अहम योगदान रहा। 

इन शूटरों ने ही धनवाद के डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों को मौत के घाट उतारा था। आईपीएस होने वालों में एसपी प्रोटोकाल विकास वैद्य, जय प्रकाश सिंह,ओम प्रकाश सिंह, राजेश कुमार,राकेश पुष्कर,मनोज सोनकर,राजेंद्र कुमार,मानिक चंद्र,कुलदीप नारायण, अशोक वर्मा,मनिराम,किरन यादव, प्रमोद तिवारी,सुरेंद्र बहादुर, शादाब रशीद खां,राजीव नारायण मिश्रा, सुनील सिंह,अरूण श्रीवास्तव,सूर्यकांत, त्रिवेणी सिंह,विकास वैद्य,देवेंद्र नाथ राजेश सक्सेना के संग एसटीएफ के एक अन्य एएसपी अरविंद चतुवेर्दी का नाम शामिल है। इसके अलावा 1989 बैच के अमित मिश्रा का प्रमोशन रुक गया है।

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