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गाजीपुर: वाह रे भाजपा! नीचे वालों को नसीहत और ऊपर चक धूम-धूम चक

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर सच ही कहा है कि दूसरों को नसीहत देना आसान होता है लेकिन खुद के लिए उस पर अमल करना मुश्किल। भाजपा में ऐसा ही हो रहा है। कम से कम गाजीपुर की स्थिति तो यही है। नीचे के कार्यकर्ता थानेदार, लेखपाल और ग्राम सेक्रेटरी की मनमानी की शिकायत लेकर बड़े नेताओं से मिलते हैं और उन्हें हटाने की मांग करते हैं तो प्रायः बड़े नेता उनको खाली हाथ लौटा देते हैं। कई बड़े नेता तो नसीहत भी देना नहीं भूलते हैं-‘अमूक को हटाने को आप लोग जी कह रहे हैं जबकि पार्टी के ही वह लोग उसे रहने देने की पैरवी कर रहे हैं… आप लोग जी तो पार्टी की सरकार को मजाक बना कर रख दिए हैं…सिस्टम को समझने की आप लोग जी कोशिश करें….। लिहाजा पहले आपसी समन्वय बनाएं जी…उसके बाद एक मत से ऐसी कोई शिकायत लेकर आएं जी…तब उस पर विचार होगा जी…।`

बड़े नेताओं के मुंह से यह सब सुन सुदूर गांवों से पहुंचे बेचारे कार्यकर्ता क्या करें। खुद अपराध बोध में आ जाते हैं और उल्टे पांव लौट लेते हैं लेकिन ज्यादातर मामलों में अंदर की कहानी कुछ और होती है। यही कि चतुर थानेदार, लेखपाल अथवा सेक्रेटरी पहले से ही किसी बड़े नेता को थामे रहते हैं। उनका कृपापात्र बन अपनी मनमानी करते रहते हैं। बहरहाल, नीचे के कार्यकर्ताओं को बड़े नेता नसीहत तो देते रहते हैं लेकिन खुद क्या करते हैं। क्या उनमें आपसी तालमेल है। क्या राजपाट को लेकर उनमें आपसी समन्वय है। क्या किसी सरकारी मुलाजिम के मसले पर वह एकमत होते हैं।…जवाब यही कि एकदम नहीं। हालिया वाकया सैदपुर एसडीएम का है। 

कुछ दिन पहले तक तैनात रहे एसडीएम सत्यम मिश्र का तबादला शासन ने रूटीन के तहत गैर जिला कर दिया। पार्टी के बड़े नेताओं का एक गोल तबादला आदेश निरस्त कराने में जुट गया। उस आशय का आदेश आने तक श्री मिश्र को कार्यमुक्त नहीं होने दिया। इस तरह तबादला आदेश के बावजूद करीब एक माह तक श्री मिश्र एसडीएम सैदपुर बने रहे लेकिन इसी बीच दूसरी गोल हरकत में आई और लपट कर श्री मिश्र को बीते 23 जुलाई को कार्यमुक्त करा दी। फिर उनकी जगह 24 जुलाई को शिशिर कुमार की तैनाती भी हो गई। श्री मिश्र की खैरख्वाही करने वाले गोल के लोगों का कहना है कि दूसरी गोल से इस पर बात हुई थी। तब उस गोल के लोगों ने कहा था कि उन्हें सत्यम मिश्र के बने रहने पर कोई एतराज नहीं है लेकिन फिर न जाने क्या हुआ कि वह गोल एकदम से उनके पीछे पड़ गई।

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