Today Breaking News

गाजीपुर बेसिक शिक्षा विभागः एबीएसए सदर सहित चार कर्मी वक्त से पहले होंगे रिटायर!

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर सरकारी विभागों में 50 साल और उससे अधिक उम्र के कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के लिए स्क्रीनिंग होनी है। गाजीपुर में बेसिक शिक्षा विभाग में यह काम पूरा हो चुका है जबकि माध्यमिक शिक्षा विभाग में स्क्रीनिंग की कार्यवाही अभी लंबित है। बेसिक शिक्षा विभाग में स्क्रीनिंग कर कुल पांच की सूची संयुक्त निदेशक को भेजी गई है। बीएसए कार्यालय के मुताबिक सूची में अधिकारी स्तर में एबीएसए सदर पूर्णिमा श्रीवास्तव का नाम है। कर्मचारियों में सतीश पांडेय, जगदीश यादव, रमेश कुमार और धर्मदेव का नाम दर्ज है। वैसे धर्मदेव पिछले माह ही सेवानिवृत्त हो गए। रही बात पूर्णिमा श्रीवास्तव की तो उनका अगले साल अक्टूबर में रिटायरमेंट है। हालांकि स्क्रीनिंग सूची में नाम शामिल होने के सवाल पर पूर्णिमा श्रीवास्तव ने अनभिज्ञता जताई। इसी तरह जगदीश यादव इसी साल नवंबर तथा सतीश पांडेय दिसंबर में रिटायर हो जाएंगे। अब स्क्रीनिंग की सूची पर आगे की कार्यवाही के लिए मंडलीय कमेटी बैठक में विचार करेगी। उधर इस बाबत डीआईओएस अनिल कुमार मिश्र से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी स्क्रीनिंग की कार्यवाही पूरी नहीं हुई है।

और यह है शासनादेश
प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंघल ने छह जुलाई को इस आशय का आदेश जारी किया था। आदेश में कहा गया कि वित्तीय हस्तपुस्तिका खण्ड 2, भाग 2 से 4 में प्रकाशित मूल नियम-56 में व्यवस्था है कि नियुक्ति प्राधिकारी, किसी भी समय, किसी सरकारी सेवक को (चाहे वह स्थायी हो या अस्थायी), नोटिस देकर बिना कोई कारण बताए, उसके 50 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद सेवानिवृत्त हो जाने की अपेक्षा कर सकता है। ऐसे नोटिस की अवधि तीन माह होगी। सभी विभागाध्यक्षों को जारी आदेश में कहा गया है कि वह अपने विभाग के अधिष्ठान नियंत्रणाधीन सभी कर्मियों के संबंध में अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए स्क्रीनिंग की कार्यवाही 31 जुलाई तक जरूर पूरी कर लें। 50 वर्ष की आयु के निर्धारण के लिए कट-ऑफ डेट 31 मार्च 2018 होगी। मतलब ऐसे सरकारी सेवक जिनकी आयु 31 मार्च 2018 को 50 वर्ष या उससे अधिक होगी। वह स्क्रीनिंग के लिए विचार के दायरे में आएंगे। साथ ही दागदार सरकारी कर्मी भी इस की जद में आएंगे।  …पर कर्मचारी नेता नाखुश

अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्यवाही के पीछे सरकार की मंशा भले सरकारी कामकाज में तत्परता, पारदर्शिता लाना हो लेकिन कर्मचारी नेताओं को इस पर सख्त एतराज है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष अंबिका दूबे ने कहा कि सरकार की यह तानाशाही है। उन्होंने कहा कि एक ओर कर्मचारियों को 50 साल की उम्र पर जबरिया रिटायर करना और दूसरी ओर राजनेताओं को 80 साल की अवस्था में मंत्री बनने का मौका दिया जाना सरासर बेइंसाफी है।
'