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गुड़िया हत्याकांडः सिरफिरे आशिक की करतूत

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर जमानियां तियरी गांव में किशोरी गुड़िया(17) की हत्या की वारदात को सिरफिरे आशिक ने अंजाम दिया था। शुक्रवार की सुबह दरौली स्टेशन पर यह सिरफिरा आशिक सचिन राजभर पुलिस के हाथ लग ही गया। वह भी तियरी गांव का ही रहने वाला है। पूछताछ में उसने अपना जूर्म भी कबूल लिया। बताया कि गुड़िया के पीछे वह एक साल से पड़ा था। उसके स्कूल जाते-आते रास्ते में वह पीछा करता था। आखिर में वह अपने मकसद में कुछ हद तक कामयाब हो गया। फोन पर रोज उसकी बातें होने लगीं लेकिन कुछ ही दिनों बाद गुड़िया उससे बातचीत बंद कर दी। यहां तक कि वह अपने मोबाइल फोन पर उसका नंबर लॉक कर दी। किसी तरह वह गुड़िया से वह संपर्क किया। तब गुड़िया ने साफ शब्दों में कह दिया कि वह उससे कोई संबंध नहीं रखना चाहती। गुड़िया के इस दो टूक जवाब से सचिन एकदम से तिलमिला गया और तय किया कि वह उसको सबक सिखाएगा। इसके लिए प्लान बनाया। बीते 31 जुलाई को गुड़िया अपने डेरे से शौच के लिए निकली। उसके पीछे सचिन भी हो लिया। इस बात से अनजान गुड़िया बंसवार में पहुंची। तब सचिन बांस का टुकड़ा लेकर पीछे से सिर पर प्रहार कर उसे अचेत कर दिया। फिर गुड़िया के दोनों हाथों को उसी के दुपट्टे से बांस की खूंटी में बांध दिया। उसके बाद पहले से अपने पास रखा हंसिया निकाला और इत्मीनान से बैठ कर उसके गले को रेत दिया। उसके बाद वह वहां से अपने घर लौटा और फिर गांव छोड़ कर भाग गया।

हालांकि सीओ जमानियां रामबहादुर सिंह का कहना है कि सचिन ने अकेले इस हत्या को अंजाम दिया। यह बात हजम नहीं हो रही है। लिहाजा विवेचना का काम जारी है। घटना में प्रयुक्त मालूम हो कि गुड़िया के घरवालों को बंसवारी में उसके लहूलुहान पड़े होने की जानकारी मिली थी। उसके बाद वह उसे सीएचसी ले गए थे। जहां से जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया था लेकिन रास्ते में ही उसका दम टूट गया था। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त हंसिया भी सचिन की निशानदेही पर घटनास्थल के पास बरामद कर ली है। इस मामले में गुड़िया के पिता सचनू राजभर ने अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। इसी साल यूपी बोर्ड की इंटर की परीक्षा पास की थी जबकि उससे उम्र में बड़ा सचिन हाईस्कूल फेल था। निठल्ला घूमता था।

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