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गाजीपुर: गंगा खतरे के निशान छूने को बेताब, प्रशासन अलर्ट

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर गंगा अब खतरे के निशान को छूने को बेताब लग रही हैं। बढ़ाव तेज हो गया है। प्रति घंटा साढ़े तीन सेंटीमीटर की रफ्तार से जलस्तर बढ़ र हा है। मंगलवार की शाम पांच बजे 61.490 मीटर जलस्तर रिकार्ड किया गया। खतरा का निशान 63.120 मीटर है। हाल-फिलहाल घटने की उम्मीद नहीं लग रही है। सिंचाई विभाग के एक्सईएन आरके शर्मा ने बताया कि ऊपर इलाहाबाद में गंगा तथा यमुना लगातार बढ़ रही है। वहां गंगा 24 घंटे में एक मीटर बढ़ी हैं जबकि यमुना यह बढ़ोतरी डेढ़ मीटर दर्ज हुई है।

यमुना में बढ़ाव के कारण मध्य प्रदेश में भारी बारिश है। जहां बेलवा तथा केन नदी उफन रही है और उसका पानी यमुना में आ रहा है। यही स्थिति उत्तर प्रदेश में है। बारिश के कारण कानपुर बैराज से हर रोज चार लाख से अधिक क्यूसेक छोड़ा गया पानी गंगा में आ रहा है। नीचे घाघरा भी घट नहीं रही है। इस दशा में गाजीपुर में गंगा बढ़ाव पर हैं। अगर इस हालात में सुधार नहीं हुआ तो गाजीपुर में गंगा खतरे के निशान को पार कर सकती हैं। गंगा में बाढ़ से तटवर्ती आबादी के लोग चिंतित हो गए हैं। शहर के घाटों की ज्यादातर सीढ़ियां गंगा के पानी में डूब गई हैं। उधर एडीएम राजेश सिंह ने बताया कि बाढ़ को लेकर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। सभी संबंधित एसडीएम को तत्पर रहने को कहा गया है। प्रभावित तहसीलों के मुख्यालयों पर खाद्य सहित अन्य जरूरी सामग्री की व्यवस्था कर ली गई है। 17 बाढ़ केंद्र खोले गए हैं। साथ ही 92 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। 512 नावों को अधिग्रहित किया गया है। एडीएम ने बताया कि बाढ़ प्रभावित तहसीलों में सैदपुर, सदर, जमानियां, सेवराईं तथा मुहम्मदाबाद है। फिलहाल एनडीआरएफ की टीम बुलाने की जरूरत नहीं पड़ी है लेकिन उनके अधिकारियों को बता दिया गया है कि आपात स्थिति में टीम भेजने को तैयार रहें।

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