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गाजीपुर: करंडा में दिखा ‘बाघ’! दहशत में ग्रामीण

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर करंडा रामपुर माझा गांव में गंगा किनारे बुधवार की शाम बाघ दिखे जाने की खबर से पूरे इलाके में दहशत की स्थिति बन गई है। सूचना मिलने पर पुलिस तथा वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे लेकिन सूर्यास्त होने के कारण उन्हें बाघ के पदचिन्ह नहीं दिखे। ग्रामीणों के अनुसार रामचंद्र यादव, रामाधार यादव तथा अमर देव यादव अपनी गायें लेकर चलाने निकले थे। उसी बीच गंगा किनारे उनकी नजर बाघ पर पड़ी। वह शोर मचाते हुए गांव की ओर भागे। तब गांव के लोग भी सहम गए। इसकी सूचना करंडा एसएचओ जयशंकर सिंह को दी गई। वह मय फोर्स मौके पर पहुंचे और उन्होंने वन विभाग के रेंजर सदानंद सिंह को भी मौके पर बुलाया लेकिन तब तक सूर्य अस्त हो चुका था। लिहाजा बाघ के पदचिन्ह नहीं दिखे। इसकी वजह से पुष्ट नहीं हो पाया है कि असल में बाघ है अथवा कोई और जानवर।

एसएचओ ने बताया कि सुरक्षा के लिए ऐहतियातन उन्होंने ग्रामीणों से अपने घरों में सोने का आग्रह किया है। वन विभाग के रेंजर ने बताया कि रात में पदचिन्हों को ढूंढ़ना मुश्किल है। अब सुबह ही कुछ किया जा सकता है। वैसे चर्चा है कि पड़ोसी जिला चंदौली के वनीय हिस्से से भटक कर यह बाघ आया है। वन रेंजर ने इस पर कुछ कहने में असमर्थता जताई लेकिन यह जरूर बताए कि बाघ पानी में तैर सकता है। मतलब गंगा में तैर कर वह आ सकता है। मालूम हो कि 2007 में भी जमानियां इलाके में बाघ दिखा था। कई दिनों तक वहां के लोग दहशत में रहे थे। बाद में वह बाघ खुद कहां चला गया था। इसकी जानकारी किसी को नहीं हुई थी।

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