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गाजीपुर सराफा व्यवसायी मर्डरः लुटेरों के अंतरजनपदीय गैंग का कारनामा, पुलिस मुठभेड़ में दो गिरफ्तार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर शहर के बहुचर्चित सराफा व्यवसायी सुशील वर्मा हत्याकांड का कारण सिर्फ लूट था। इसे लुटेरों के अंतरजनपदीय गैंग ने अंजाम दिया। रविवार की भोर में पुलिस मुठभेड़ में दो लुटेरों के गिरफ्त में आने के बाद यह तथ्य सामने आया। पुलिस कप्तान डॉ.यशवीर सिंह ने शाम को मीडिया के सामने उन्हें पेश किया। उनमें अभिषेक उर्फ बंटी राम सरसौला थाना बहरियाबाद तथा शशिभूषण सिंह बुढ़ानपुर थाना भुड़कुड़ा का रहने वाला है। यह ओमप्रकाश बिंद उर्फ बक्शी गैंग के यह सदस्य हैं।

पुलिस कप्तान ने बताया कि शहर कोतवाल ब्रजेश यादव तथा क्राइम ब्रांच इंचार्ज राजीव कुमार सिंह अपनी टीम के साथ जमानियां तिराहे पर मौजूद थे। उसी बीच बजरिये मुखबिर सूचना मिली कि जंगीपुर की ओर से दो बाइक से कुछ कुख्यात लुटेरे शहर में अपने साथियों से मिलने तथा अगले शिकार की रैकी के लिए आने वाले हैं। उसके बाद पुलिस टीम बिलैचिया तिराहा पर घेरेबंदी कर ली। कुछ ही देर में बाइक से दोनों लुटेरे आते दिखे। करीब आने पर उनकी नजर पुलिस टीम पर पड़ी। तब वह भागने की गरज में बाइक घुमाए लेकिन हड़बड़ी में उनकी एक बाइक पलट गई। उसी क्रम में बाइक के पीछे बैठा शशिभूषण सिंह तमंचा निकाल कर पुलिस बल पर फायर कर दिया। संयोग रहा कि कोई पुलिस कर्मी हताहत नहीं हुआ। 

उसके बाद तो दोनों को धर दबोचा गया जबकि दूसरी बाइक सवार तीन बदमाश भागने में सफल रहे। गिरफ्त में आए बदमाशों के कब्जे से मय  कारतूस दो तमंचे, साढ़े 11 हजार रुपये की नकदी के अलावा लूट का मोबाइल फोन तथा पेनकार्ड सहित छह अदद ब्रांडेड कपड़े और चोरी की बाइक मिली। वह बाइक शहर कोतवाली के ही फुल्लनपुर इलाके से करीब 20 दिन पहले चुराई गई थी। मुठभेड़ के वक्त फरार तीन लुटेरों में गैंग का सरगना ओमप्रकाश बिंद उर्फ बक्सी शहर कोतवाली के गोंड़ा देहाती का रहने वाला है जबकि दो अन्य में आशीष पासी नदंगंज थाने के सिहोरी और आशीष यादव आजमगढ़ जिले के तरवां थाने के कंचनपुर का निवासी है।

पुलिस कप्तान ने सराफा व्यवसायी  सुशील वर्मा के लुटेरे हत्यारों की गिरफ्तारी को बड़ी उपलब्धि बताया और कहा कि निश्चित रूप से व्यवसायी सुकून महसूस करेंगे। उन्होंने पुलिस टीम को अपनी ओर से दस हजार रुपये नकद ईनाम देने की भी घोषणा की। मालूम हो कि सराफा व्यवसायी सुशील वर्मा की हत्या को लेकर जहां गाजीपुर के व्यापारी समुदाय दहल गया था वहीं पुलिस महकमे भी हड़कंप की स्थिति थी। यहां तक कि पुलिस कप्तान ने हत्यारों की गिरफ्तारी में बिलंब को लेकर तत्कालीन शहर कोतवाल राजीव सिंह को हटा दिया था। हालांकि शुरुआती छानबीन में पुलिस सुशील वर्मा की हत्या के पीछे लूट नहीं बल्कि आशनाई का मामला है मान कर चल रही थी।

मुकदमे के खर्च के लिए बनाए थे सुशील को शिकार
पुलिस पूछताछ में अभिषेक उर्फ बंटी राम ने बताया कि दो माह पहले वह खुद और गैंग का सरगना ओमप्रकाश बिंद उर्फ बक्सी सहित आशीष यादव व आशीष पासी जेल से जमानत पर रिहा हुए थे। जेल में वह सभी शातिर चोर अजीत सिंह कौवा की बैरक में थे। बैरक में ही वह प्लान बना लिए थे कि मुकदमों के खर्च की भरपाई के लिए जेल से निकलने के बाद लूट की वारदातों को अंजाम देना शुरू करेंगे। प्लान के तहत जेल से निकलने के बाद वह शिकार की टोह में लग गए। उसी क्रम में उन्हें पता चला कि नवाबगंज निवासी सराफा व्यवसायी प्रति दिन रात में सिटी स्टेशन-बड़ीमार्ग स्थित अपनी दुकान बंद कर घर मरटीनगंज लौटता है। उसके पास कीमती जेवरों के अलावा काफी नकदी भी रहती है। 

तब सुशील वर्मा को लूटने की योजना बनी। प्लान के मुताबिक बीते 21 सितंबर की रात करीब नौ बजे सुशील वर्मा की टैक्सी स्टैंड के पास स्थित शराब की दुकान पर गैंग सरगना ओमप्रकाश बिंद उर्फ बक्सी ने गोली मार कर हत्या कर दी और उनके पास का बैग लूट लिया। वारदात को अंजाम देने के बाद वह सभी सिटी स्टेशन के रास्ते भाग निकले। कुछ दूर जाने के बाद वह रुके और लूट के बैग को खोले। उसमें दुकान तथा तिजोरी की चाबी के अलावा कुछ टूटे जेवर थे। नकदी नहीं थी। 

तब गैंग सरगना उस बैग अपने पास रख लिया। उसके बाद गैंग 23 अक्टूबर को सादात थाने के ससना नहर के पास पशु व्यापारी को रोक कर उसके पास की 72 हजार रुपये नकद तथा मोबाइल फोन लूटा। 26 अक्टूबर को आजमगढ़ के जहानागंज थाने के जिगरखंडी गांव के पास बैंक मित्र से 89 हजार रुपये लूटा गया। 27 अक्टूबर को दुल्लहपुर थाने के बहलोलपुर गांव के पास मऊ में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी का साढ़े नौ हजार रुपये लूटे गए।
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