Today Breaking News

गाजीपुर: जखनियां के बदहाल सड़कों पर नाराज दिखे पीएम मोदी के भाई सोमभाई मोदी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर प्रधानमंत्री के बड़े भाई सोमभाई मोदी मंगलवार को गाजीपुर जनपद के जखनियां तहसील अंतर्गत सिद्धपीठ हथियाराम मठ पर दर्शन पूजन करने पहुंचे। जहां उन्होंने अपनी पत्नी व अन्य पारिवारिक मित्रों के साथ सिद्धपीठ परिसर स्थित बुढ़िया माई (वृद्धम्बिका देवी) मंदिर में विधिवत दर्शन पूजन किया। इस दौरान स्वागत परिचय समारोह के दौरान अचानक सोमभाई मोदी ने ऐसी बात कह दी कि एक पल के लिए लोग आवाज से रह गए। 

लेकिन फिर उन्होंने अपनी पूरी बात रखी तब लोगों ने तालियों के साथ उनका स्वागत अभिनंदन किया। सिद्धपीठ आगमन पर सिद्धपीठ के पीठाधीश्वर जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति जी महाराज द्वारा जब उपस्थित लोगों से उनका परिचय प्रधानमंत्री के बड़े भाई के रूप में दिया गया तो बीच में ही सोमभाई मोदी खड़े होकर क्षमा याचना के साथ बोले कि “मैं प्रधानमंत्री का भाई नहीं हूँ। उनके इस वाक्य पर लोग अवाक रह गए वह एक दूसरे का मुंह देखने लगे।  लेकिन तभी उन्होंने पूरी बात रखते हुए कहा कि ‘मेरे और प्रधानमंत्री के बीच एक परदा है, मैं उसे देख सकता हूं पर आप नहीं देख सकते। 

मैं नरेंद्र मोदी का भाई हूं, प्रधानमंत्री का नहीं। प्रधानमंत्री मोदी के लिए तो मैं 125 करोड़ देशवासियों में से ही एक हूं, जो सभी उसके भाई-बहन हैं। उन्होंने म. बालकृष्ण यती कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय की छात्राओं को शक्ति का अवतार बताते हुए कहा कि मैं इस शक्तिपीठ पर माई बढ़िया से कामना करता हूं कि आप सभी शक्ति स्वरूपा हैं देश के कल्याण के निमित्त आप अपना योगदान करें। छात्रओं ने दुर्गा वंदना और पुष्प अर्पित कर स्वागत किया और गीत पाठ तथा वैदिक बटुकों ने मंगलाचरण करते हुए पारंपरिक स्वागत किया जिससे मोदीजी अभिभूत देखे उनके साथ गौरांग जी भी थे। 

सोमभाई मोदी व अन्य अतिथियों का स्वागत संभाषण अमिता दुबे ने किया। वापसी में पीएम मोदी के भाई सोमभाई मोदी ने बताया कि जखनियां की सड़के आज भी बदहाल है। उन्‍होने बताया कि विधानसभा चुनाव मार्च 2017 में मैं हथियाराम मठ पर दर्शन करने आया था। खराब सड़कों की वजह से हमारे रीढ़ की हड्डी में भयंकर दर्द हो गया। 

वापस मैं जब अहमदाबाद गया और वहां जाकर डाक्‍टर को दिखाया तो डाक्‍टर ने आपरेशन की सलाह दी। चूकिं आयु अधिक थी इसलिए मैने आपरेशन कराने से इंकार कर दिया। लगभग 50 दिन अस्‍पताल में रहकर बेड रेस्‍ट किया तब जाकर मैं स्‍वस्‍थ्‍य हो पाया। लगभग पौने दो वर्ष बाद पुन: मैं हथियाराम मठ पर दर्शन करने आया हूं लेकिन आज भी यहां की सड़के बदहाल हैं, खराब हैं। जनप्रतिनिधियों और प्रशासन ने इस क्षेत्र के सड़कों पर कोई ध्‍यान नही दिया है।

'