गाजीपुर: कागजों पर काम पूरी साल, हकीकत में शहर बदहाल
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर नगर पालिका में अनियोजित विकास और अफसरों की उदासीनता के चलते समस्याएं हल होने के बजाए लगातार बढ़ती जा रही हैं। करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद सालभर जनता सफाई, पेयजल और टूटी सड़कों से जूझती रही। यातायात व्यवस्थित करने के लिए केवल कागजी कार्रवाई कर पालिका वाहवाही लूटता रहा। न तो पार्किंग की व्यवस्था दुरुस्त की गई और न ही हैंडपंप सही किए गए। सरकार के अभियान वोटों की राजनीति में दम तोड़ गए। पॉलीथीन अभियान दिन में चला शाम को जब्त माल दुकान पर पहुंच गया। यही नहीं विकास का हर वादा अधूरा ही रह गया और ख्याब संजोए जनता उम्मीदों से टकटकी लगाए पालिका कार्यालय की ओर निहार रही है।
नगर पालिका परिषद गाजीपुर की अध्यक्ष सरिता अग्रवाल का एक साल कार्यकाल पूरा हो चुका है। बोर्ड के सदस्यों की शपथ ग्रहण के साथ पालिका चेयरमैन के सारे दावे फेल हो गए हैं। चैयरमैन के गुजरे एक साल में गाजीपुर बदहाल का बदहाल ही रहा। शहर की ना सूरत बदली और ना सीरत। साल भर में घोटाला, करोड़ों की जमीन पर कब्जेदारी, काम में लापरवाही समेत तमाम आरोप से पालिका गुजरी जनता के वोटों का परिणाम अभी नहीं मिल सका। कोष में विकास कार्यो के लिए करोड़ों का बजट होने के बाद भी शहर में कार्य नहीं हो पा रहा है। विकास की राह में अध्यक्ष के प्रतिनिधि, सभासदों और कर्मचारियों के बीच असामन्जस्य रोड़ा बना है। एक साल बाद भी शहर में ना सड़कें और नालियां भी टूटी हैं। सड़कों के किनारे कूड़ा लगा है और शहर दिन भर जाम से जूझ रहा है। किसी भी ओर फुटपाथ या डिवाइडर तक नहीं बनाया गया। शहर में जो सड़कें बनाई भी गई वह तो महज काली करके छोड़ दीं। अब विकास के हर वादे पर पड़ताल करें तो धरातल ही नहीं मिलेगा।