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गाजीपुर: बदलते मौसम में ओजोन का अटैक, खांसते-खांसते फूल रही सांस

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर बदलते मौसम के साथ गाजीपुर में कोहरा शुरू हो गया है। जिले के बाहर जलते कूड़े के कारण स्मॉग स्वास्थय के लिए हानिकारक भी हो रहा है। प्रदूषण और आद्र्रता से ग्राउंड लेबल पर ओजोन का स्तर बढ़ रहा है। इससे नाक और सांस की नलिकाओं में सूजन और संक्रमण की शिकायत बढ़ रही है, जिसकी वजह से लोग खांसते-खांसते परेशान हैं, दवा और कफ सीरप से भी खांसी ठीक नहीं हो रही है।

बदलते मौसम में ओजोन का अटैक, खांसते-खांसते सांस रही है। डाक्टरों की माने तो यह समय बुजुर्ग और बच्चों के सावधानी बरतने का है। प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। इसमें पीएम 2.5 सूक्ष्म कण, ओजोन, नाइट्रेट, सल्फेट, कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा ज्यादा है। प्रदूषण और आद्र्रता का स्तर बढऩे से फोटो केमिकल स्मॉग भी बनने लगा है। जिला अस्पताल के डाक्टर तनवीर अफरोज ने बताया कि फोटो केमिकल स्मॉग में निचली सतह पर ओजोन की मात्रा लगातार बढ़ रही है। यह ओजोन नाक और सांस की नलिकाओं के म्यूकोसा (द्रव्य पदार्थ) को नुकसान पहुंचा रही है। इससे सामान्य लोगों में सांस की नलिकाओं में सूजन और संक्रमण हो रहा है। ज्यादा देर तक प्रदूषण वाली जगह पर रहने वाले लोगों के लिए खांसी समस्या बन रही है। खांसते- खांसते लोगों की सांस फूल रही है। प्रदूषण कम नहीं होने का परिणाम ये है कि दवा और कफ सीरप से भी फायदा नहीं हो रहा।

चिकित्सकों के अनुसार अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) से पीडि़त मरीजों की सांस उखडऩे लगी है। सूक्ष्म कणों की मात्रा बढऩे से सांस संबंधी बीमारियों से पीडि़त मरीजों के फेफड़ों में संक्रमण हो रहा है।
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