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गाजीपुर: बड़सराकांड में अरुण सिंह सहित सभी आरोपित बरी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन अरुण सिंह बहुचर्चित बड़सरा में सोमवार को बरी हो गए। इस आशय का फैसला फास्टट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश जयप्रकाश में सुनाया। फैसले के वक्त अरुण सिंह भी कोर्ट में मौजूद थे। इसके लिए उन्हें नैनी जेल से गाजीपुर लाया गया था। इस मामले में अरुण सिंह सहित दोनों पक्षों के कुल 26 अभियुक्त थे। मालूम हो कि पहली सितंबर 2011 को करंडा थाने के बड़सरा गांव में बिजली ट्रांसफार्मर को लेकर दो समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए थे। मारपीट, बलवा, अगजनी, तोड़फोड़, हत्या के प्रयास की घटनाएं हुई थी। इस मामले में अलग-अलग चार मामले दर्ज हुए थे। 

पहले ही तीन मामलों की सुनवाई कर कोर्ट ने सभी आरोपितों को बरी कर दिया था। अंतिम और इस चौथे मामले में भी बाइज्जत बरी होने से गदगद अरुण सिंह ने कहा कि यह असत्य पर सत्य की जीत है। उन्हें कोर्ट पर पहले से ही पूरा भरोसा था। यह हकीकत थी कि उस मामले में उनको राजनीतिक रंजिसवश फंसाया गया था और अब कोर्ट के फैसले ने इसकी पुष्टि भी कर दी। अरुण सिंह करंडा की पूर्व ब्लाक प्रमुख रजावती देवी के पति अमरनाथ यादव की हत्या के मामले में नैनी जेल में निरुद्ध हैं। नैनी जेल रवाना होने से पहले बातचीत में उन्होंने कहा कि उनको भरोसा है कि अमरनाथ यादव हत्याकांड में भी कोर्ट से उन्हें इंसाफ मिलेगा। 

यह मामला भी उनके लिए वैसा ही है, जैसा कि बड़सराकांड था। हत्या का आरोप झूठा साबित होगा। बड़सरा कांड की तरह उन्हें इसमें भी नाहक फंसाया गया था। जेल से आने के बाद वह पहले की तरह जनता की सेवा में उतनी ही मजबूती और जज्बे के साथ जुड़ जाएंगे। जनसवालों को लेकर उनका संघर्ष जारी रहेगा। इस मौके पर काफी संख्या में उनके लोग मौजूद थे। बाद में उन्हें नैनी जेल वापस भेज दिया गया इधर बड़सराकांड में अपने नेता के बाइज्जत बरी होने से उनके समर्थक काफी खुश हैं। उन्हें भी पूरा विश्वास है की अमर हत्याकांड में भी उनके नेता को कोर्ट से इंसाफ मिलेगा।

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