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बनारस में लॉकडाउन के दौरान घर के बाहर झांकने पर पूरे परिवार पर टूटा पुलिसिया कहर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी, लॉकडाउन के दौरान जहां पुलिस की ऐसी तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं जो दिल जीत ले रहे हैं। कहीं पुलिस खुद खाना बांट रही है तो कहीं लोगों के लिए घर जाने की व्यवस्था में लगी है। इन सब के बीच सोमवार को वाराणसी में पुलिसिया करतूत का शर्मनाक मामला सामने आया। पुलिस वालों ने वाराणसी के लोहता इलाके में एक परिवार को बुरी तरह पीटा। कई पुलिस वालों ने मिलकर पहले घर के पुरुष सदस्यों को बेरहमी से मारा।

महिलाएं और बेटियां बचाने पहुंचीं तो उन्हें भी पीटा गया। यहां तक कि गर्भवती महिला को भी पुलिस ने नहीं बख्शा। इन लोगों का कसूर केवल इतना था कि घर के सामने स्थित एक मंदिर पर बैठे कुछ लोगों की पुलिसकर्मी पिटाई कर रहे थे और यह लोग अपने घर के बाहर से झांक रहे थे। पिटाई से मर्माहत परिवार ने यहां तक कहा कि यदि पुलिस के कहर से मरना है तो कोरोना से ही मरना अच्छा है।

लोहता थाना क्षेत्र के भरथरा गांव में भक्तेश्वर महादेव का मंदिर है। मंदिर से सौ मीटर दूर अर्जुन मिश्रा का घर है। रविवार की शाम मंदिर पर गांव के तीन चार लोग साफ सफाई में लगे थे। इसी दौरान वहां से गुजर रहे दरोगा पंकज सिंह ने लॉकडाउन के दौरान मंदिर पर लोगों को देखा तो पिटाई शुरू कर दी। शोर सुनकर अर्जुन मिश्रा, उनके भाई भरत मिश्रा और घर के अन्य लोग भी बाहर आकर देखने लगे। 

आरोप है कि बाहर झांकने पर ही दरोगा ने अर्जुन मिश्रा को गालियां देनी शुरू कर दी। परिवार ने आपत्ति जताई तो दरोगा के साथ मौजूद सिपाहियों ने अर्जुन के परिवार को पीटने के लिए दौड़ा लिया। महिलाओं ने विरोध किया तो दरोगा ने इसकी जानकारी थानाध्यक्ष को दी। थानध्यक्ष के साथ पहुंचे पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। 

आरोप है कि थानाध्यक्ष राकेश सिंह ने बिना महिला पुलिस कर्मियों के ही महिलाओं को दौड़ा  दौड़ा कर पिटवाया। करीब आधे घण्टे तक पुलिसिया तांडव चला। बाहर ग्रामीण सब देखते रहे लेकिन पुलिसिया तांडव से भयभीत किसी ने आगे आने की हिम्मत नहीं जुटाई। पुलिस की पिटाई से अर्जुन मिश्रा, भरत लाल, 15 वर्षीय किशोर और श्वेता नामक सात माह की गर्भवती महिला को भी पीटा। भरत मिश्र को बाहर खींचकर सड़क पर आधा दर्जन पुथानाध्यक्ष के साथ पहुंची पुलिस फोर्स ने घर में घुसकर अर्जुन मिश्रा के परिवार को पीटा। पीड़ित परिवार पर संगीन धाराओं में मुकदमा भी दर्ज किया गया है। इस बाबत थानाध्यक्ष का कहना है कि परिवार के लोगों ने दरोगा को पीट दिया था। उनपर मुकदमा दर्ज किया गया। दरोगा व उनपर गलत आरोप है।
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