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कोरोना सुरक्षा किट नहीं मिलने से चंदौली और जौनपुर में एम्बुलेंस चालक हड़ताल पर गए

गाजीपुर न्यूज़ टीम, चंदौली जौनपुर | कोरोना महामारी के बीच मंगलवार को जौनपुर औऱ चंदौली में एम्बुलेंस चालक हड़ताल पर चले गए। एम्बुलेंस चालकों ने मास्क और सुरक्षा किट नहीं मिलने से नाराज होकर यह कदम उठाया। एम्बुलेंस चालकों की अचानक हड़ताल से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है।

जौनपुर ब्यूरो के अनुसार जिले के चार स्वास्थ केन्द्रों पर तैनात एम्बुलेंस चालकों ने मंगलवार को वाहनों को खड़ा कर किया। गौराबादशाहपुर प्रतिनिधि के अनुसार एम्बुलेंस चालक संघ के जिलाध्यक्ष देवेंद्र गुप्त के आह्वान पर यहां सीएचसी के एम्बुलेंस चालकों ने मंगलवार दोपहर बारह बजे से एम्बुलेंस का चक्का जाम कर दिया है। आरोप है कि ऐसी स्थिति सरकार व एम्बुलेंस संचालित करने वाली संस्था के सौतेलेपन को लेकर उत्पन्न हुई है।

एम्बुलेंस चालक श्रीकांत दुबे, जाबिर अली, प्रदीप कुमार और अविनाश ने बताया कि कोरोना जैसी महामारी से बचने के लिए एम्बुलेंस वाहन में कोई किट उपलब्ध नहीं करायी गयी है। न ही मास्क, सैनिटाइजर, हैंडवाश की ही व्यवस्था है। ऐसे में एम्बुलेंस चलाना खतरे से खाली नहीं है। उनका कहना है कि अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को 50 लाख रुपये का जीवनबीमा कवर दिया जा रहा है। लेकिन एम्बुलेंस चालको को नहीं दिया गया है। तीन माह से एम्बुलेंस चालको को मानदेय भी नहीं मिल रहा है। 

केराकत प्रतिनिधि के अनुसार मानदेय और सुरक्षा किट नहीं मिलने से क्षुब्ध 108 और 102 नंबर की एंबुलेंस गाडियों के चालकों ने मंगलवार को कार्य बहिष्कार कर बिस्तर लेकर प्रदर्शन किया। चालकों की मांग है कि उन्हें भी कोराना सुरक्षा किट, 50 लाख का बीमा दिया जाय। क्योंकि वे अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं। जिला

अध्यक्ष देवेन्द्र गुप्ता ने बताया कि उन्हें पिछले दो महीने से मानदेय, सात महीने का पी एफ नहीं मिला है। इस मौके पर चालकों की यूनियन के प्रदेश मीडिया प्रभारी शरद यादव ने  स्वास्थ्य मंत्री से भी फोन पर शिकायत दर्ज कराई है। जिले में 108 और 102 एंबुलेंस गाडि़यों के करीब 6 सौ कर्मचारी हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने चालकों को बताया कि उनका सभी पैसा उनकी कम्पनी को दे दिया गया है। वे अपनी कम्पनी के मालिकों से बात करें।

खेतासराय प्रतिनिधि के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सोंधी के 108 और 102 एम्बुलेंस चालकों ने अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को पीएचसी पर एम्बुलेंस को अनिश्चितकालीन तक के लिए खड़ा कर दिया है। यहां पर स्वास्थ्य सेवा में दो-दो 108 और 102 एम्बुलेंस हैं। जिसमें चालक समेत 14 कर्मचारी ड्यूटी अलग अलग समय पर करते हैं।

खुटहन प्रतिनिधि के अनुसार 102 और 108 चालकों ने अपनी छह मांगो को लेकर प्रदेश अध्यक्ष हनुमान पाण्डेय के निर्देश पर मंगलवार को सीयचसी पर एम्बुलेंस को अनिश्चितकालीन तक के लिए खड़ा कर दिया। 108 एम्बुलेन्स चाक अभिषेक दुबे ने बताया की यहां पर स्वास्थ्य सेवा में 7 कर्मचारी ड्यूटी अलग अलग समय पर करते है ।

चंदौली ब्यूरो के अनुसार एम्बुलेंसकर्मियों के अवकाश पर चले जाने से कई जगहों पर पुलिस की 112 नम्बर गाड़ी से मरीजों को अस्पताल पहुंचाया गया। एम्बुलेंसकर्मियों का आरोप है कि जीवीकेईएमआरआई व स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोरोना वायरस से बचाव के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे में बिना सुरक्षा कीट के ही जान जोखिम में डालकर मरीजों का लाना पड़ रहा है।

इसको लेकर कई बार गुहार लगाई गई। लेकिन स्वास्थ्य विभाग व सेवा प्रदाता कम्पनी के लोग उदासीन बने है।  इससे सामूहिक अवकाश पर जाने का निर्णय लेना पड़ा है। जीवनदायनी 108, 102 व एएलएस एम्बुलेंस कर्मियों ने मांग किया है कि कोराना से निपटने को सुरक्षा कीट के साथ ही अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई जाए। सभी कर्मियों को उचित मानदेय दिया जाए। एम्बुलेंस कर्मियों को एनएचएम में विलय किया जाए। साथ ही पिछले छह माह का ईपीएफ का बकाया भुगतान किया जाए। सीएमओ डा. आरके मिश्रा ने बताया कि एम्बुलेंस कर्मी सामूहिक अवकाश पर नहीं गए हैं। सभी कार्य कर रहे हैं। 

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