इशिता के बगल में अमरनाथजी बैठे उन की बात सुन रहे थे. वे कुछ नहीं बोले. उन्हें रजत से इस से ज्यादा उम्मीद न थी. सुबहसवेरे इशिता का फोन देख कर...Read More
कहानी: बिन मां की बेटियां
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‘‘मां,भैया देखो मैं किसे आप से मिलाने लाई हूं,’’ धैर्या ने कमरे में घुसते ही खुशी से अपने परिवार के लोगों को पुकारा. ‘‘अरे कौन है भई जो इतनी...Read More
कहानी: कमाऊ मुरगी
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गुर्णवी को अपने प्रेम में पागल देख पृषघ्र भी उस का दीवाना हो गया. उस ने उस को शूद्रता से मुक्त कर गुणमाला बना दिया. हालांकि वह स्वयं अपनी क्...Read More
कहानी: पहला विद्रोही
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