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गाजीपुर: मियां जन्नत को मिला ‘जहन्नुम’, कोर्ट का फैसला

गाजीपुर। मासूम संजीव उपाध्याय प्रियांशु(13) को मौत के घाट उतारने वाले जन्नत हुसैन को अब ताउम्र जेल में रहना पड़ेगा। फास्ट ट्रैक कोर्ट दो के न्यायाधीश अजय पाल सिंह बघेल ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया। अभियोजन के अनुसार थाना भांवरकोल के कबीरपुर गांव में 12 जुलाई 2010 की सुबह प्रियांशु की लाश खेत में मिली थी। वह एक दिन पहले रहस्यमय ढंग से लापता हो गया था। 

लाश मिलने के बाद प्रियांशु के पिता अवधेश उपाध्याय ने गांव के ही जन्नत हुसैन तथा कृष्णा गुप्त के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया। पुलिस की पूछताछ में दोनों ने अपना जुर्म कबूला। बताए कि उनका इरादा प्रियांशु का अपहरण कर फिरौती वसूलने का था। 

वह प्रियांशु को नए चले दस रुपये के सिक्के का लालच देकर उठाए थे। मुकदमे की सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने सबूतों तथा गवाहों के बयानों के आधार पर जहां जन्नत हुसैन को कसूरवार पाया और उम्र कैद के साथ ही दस हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया। वहीं कृष्णा गुप्त को संदेह का  लाभ देते हुए रिहा करने का आदेश दिया। अभियोजन की ओर से शासकीय अधिवक्ता के अलावा वरिष्ठ वकील विजय शंकर राय ने भी पैरवी की। मालूम हो कि गिरफ्तारी के बाद से दोनों अभियुक्त जेल में हैं। 
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