सोहम के दिल में आया कि सामने खड़ी, इस भोली-भाली लड़की की आंखों में ठहरे आंसू अपनी हथेलियों से पोंछ दे, लेकिन नहीं… यह ज़ल्दबाज़ी हो जाती. अभी तो...Read More
कहानी: रंगरेज़ मेरे
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जब कभी वो आदित्य के पास बैठी डिक्टेशन लेती, आदित्य की आंखों को अपने चेहरे पर टिका महसूस करती. मेनका को महसूस होता कि आदित्य कुछ कहना चाहता ह...Read More
कहानी- मुट्ठी भर स्नेह
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पूरे एक हफ्ते बाद आज शाम को सुनील घर लौटा. डरतेडरते डोरबैल बजाई. बीवी ललिया ने दरवाजा खोला और पूछा, ‘‘हो गई फुरसत तुम्हें?’’ ‘‘हां… मुझे दूस...Read More
कहानी: दाग का सच
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कोरोना की महामारी ने बड़ेबड़े परदेशी को शहर से गांव में आने के लिए मजबूर कर दिया है. आज पूरे 4 साल बाद मुकेश अपने गांव आया है. अपने सपनों को...Read More
कहानी: दोस्त या प्यार
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दफ़्तर से लौट कर घर के भीतर अभी-अभी दाख़िल हुए अनादि ने देखा कि मिशा को उसके आने का कोई भान ही नहीं है. वह गैलरी में लगे आराम कुर्सी पर गंभी...Read More
कहानी: हां यही प्यार है
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कभी-कभी उसे ख़ुद से घृणा होती. वो ख़ुद को धिक्कारती, अपमानित करती. अपनी रूह को कोसती. लेकिन उसकी निर्लज्ज रूह अप्रभावित ही रहती. उसने लोगों को...Read More
कहानी: चलो सुनैना
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