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गाजीपुर: बसपा नेता अतुल राय को वाराणसी पुलिस उठाई, पार्टी नेताओं में गुस्सा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर बसपा के वरिष्ठ नेता अतुल राय को हिरासत में लिए जाने की खबर मिली है। यह कार्रवाई वाराणसी पुलिस ने शनिवार की शाम की। हालांकि अधिकृत रूप से पुलिस यह नहीं बता रही है कि अतुल राय को क्यों हिरासत में लिया गया है। इस कार्रवाई से उनके समर्थक तथा बसपा नेता हैरान हैं। पुलिस भी उन्हें कारण नहीं बता रही है लेकिन उनके लोग यही मान रहे हैं कि राजनीतिक साजिश के तहत यह कार्रवाई हुई है। 

खबर के मुताबिक अतुल राय वाराणसी में पार्टी के मंडल स्तरीय बैठक में भाग लेने के बाद अपने गंतव्य के लिए चले ही थे कि वाराणसी की क्राइम ब्रांच तथा एसओजी की टीम घेरेबंदी कर उनके काफिले को रोकी। फिर अतुल राय को अपनी गाड़ी में बैठा कर अज्ञात स्थान के लिए निकल पड़ी। यह सूचना मिलते ही बसपा के चीफ जोनल कोआर्डिनेटर डॉ.आरके कुरील सहित कई वरिष्ठ नेता वाराणसी के पुलिस अधिकारियों के पास पहुंचे। उन्हें बताया गया कि वाराणसी के डाफी टोल प्लाजा के पास विगत दिनों हुई गोलीबारी की घटना के सिलसिले में अतुल राय को लाया गया है। पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया जाएगा। 

अतुल राय को हिरासत में लेने की वाराणसी पुलिस की कार्रवाई पर हैरानी तथा गुस्सा जताते हुए बसपा के पूर्व सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि इस कार्रवाई से साफ है कि भाजपा सरकार राजनीतिक रंजिश के तहत विरोधी दलों के लोगों को नाहक प्रताड़़ित करने पर आमादा है। उन्होंने कहा कि वाराणसी पुलिस का डाफी टोल प्लाजा पर फायरिंग की घटना का हवाला देना सरासर बेमानी है। सच्चाई यह है कि उस मामले में हाईकोर्ट ने चार्जशीट दाखिल होने तक अतुल राय की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। 

वाराणसी पुलिस उस मामले में निचली कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल नहीं की है। उन्होंने कहा कि साफ है कि भाजपा सरकार को कोर्ट के आदेश की भी परवाह नहीं है। उसका एक ही मकसद है। विरोधियों को चाहे जैसे हो कुचला जाए। उन्होंने अपनी बात को और पोख्ता बनाने के लिए बीते 29 नवंबर को मुहम्मदाबाद के शहीद पार्क में भाजपा के पूर्व विधायक कृष्णानंद राय की पुण्य तिथि के कार्यक्रम में आए बाहुबली विधायक सुशील सिंह के भाषण का हवाला दिया। कहे कि सुशील सिंह ने कहा था कि भाजपा विरोधियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की जरूरत है। 

यह वही सुशील सिंह हैं जिनके खिलाफ अतुल राय दिल्ली तथा वाराणसी में आपराधिक मुकदमा दर्ज करा चुके हैं। श्री अंसारी ने कहा कि भाजपा यह मत समझे कि अतुल राय जैसा युवा नेता अनाथ है। वह पार्टी के कट्टर, जुझारू और समर्पित सिपाही हैं। उनके साथ बसपा पूरी ईमानदारी से खड़ी रहेगी। उनके इंसाफ के लिए अदालत, सड़क से लगायत सदन तक में लड़ाई लड़ेगी।  मालूम हो कि वाराणसी डाफी टोल प्लाजा के पास वाराणसी के रोहनिया थानानंतर्गत बेटाबर गांव के ईंट भट्ठा मालिक सर्वेश तिवारी संग हुए विवाद में फायरिंग की घटना हुई थी। उसमें सर्वेश तिवारी ने अतुल के खिलाफ लंका थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी लेकिन बाद में वह सुलह-समझौता कर लिए थे। 

उसी आधार पर अतुल राय अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट गए। वहां सर्वेश तिवारी भी अपना पक्ष रखे। उन्होंने कहा कि उन पर फायरिंग करने वालों में अतुल राय नहीं थे। हाईकोर्ट ने मामले को लेकर निचली कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने तक अतुल राय की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी और सर्वेश तिवारी के कथन को घटना के विवेचक को उपलब्ध कराने का आदेश दिया था। अतुल राय बीते विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर गाजीपुर के जमानियां विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े थे। उन्होंने भाजपा को ठीक से टक्कर दी थी। फायरिंग की कथित घटना के वक्त भी वह जमानियां क्षेत्र से ही वाराणसी के लिए निकले थे। 
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