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वाहनों के प्रदूषण के नाम पर लंबा खेल, कोतवाली में सीज बाइक का जारी हो गया फिटनेस सर्टिफिकेट

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर सड़कों पर चल रहे वाहन प्रदूषण के मामले में कितने फिट हैं। इसकी कोई गारंटी नहीं है। वजह इसके नाम पर खेल हो रहा है। फर्जी सर्टिफिकेट जारी हो रहा है। यह भेद तब खुला जब कोतवाली में सीज एक बाइक का प्रदूषण फिटनेस सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया। बाइक यूपी-61 एम 9972 को कोतवाली पुलिस ने बीते शुक्रवार को सीज किया। हैरानी यह कि चौथे दिन उस बाइक के नाम प्रदूषण फिटनेस सर्टिफिकेट जारी हो गया जबकि बाइक अभी तक कोतवाली में ही सीज है। 

नियमतः किसी भी वाहन का प्रदूषण फिटनेस प्रमाण पत्र अधिकृत सेंटर पर बाकायदा टेस्ट के बाद ही जारी होना चाहिए। यह फर्जीवाड़ा एआरटीओ ऑफिस के बगल में स्थित प्रदूषण जांच केंद्र (बीके वेलफेयर सोसायटी) से हो रहा है। इतना ही नहीं बल्कि इस केंद्र ने एक डीजल वाहन(यूपी-61 एजे5255) के प्रदूषण फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के नाम पर 120 रुपये वसूले। वाहन चालक को सर्टिफिकेट कंप्यूटराइज दिया। गौर करने की बात है कि अभी यूपी में ऐसा सर्टिफिकेट मैनुअल दिजा जा रहा है। 

फिर इसके लिए फीस के रूप में मात्र 50 रुपये निश्चित है। मतलब यह सर्टिफिकेट भी फर्जी है। इस मामले में एआरटीओ विनय कुमार से गाजीपुर न्यूज़ ने सवाल किया। उन्होंने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है। जिस बाइक को कोतवाली में सीज बताया जा रहा है। उसके बाबत शहर कोतवाल से रिपोर्ट मांगी गई है। अगर आरोप की पुष्टि हुई तो निश्चित रूप से संबंधित प्रदूषण जांच केंद्र के खिलाफ कार्रवाई होगी। संभावना जताई जा रही है कि उस जांच केंद्र से और कई वाहनों का फर्जी प्रदूषण फिटनेस सर्टिफिकेट जारी हुए हैं। जाहिर है कि इस दशा में गाजीपुर की सड़कों पर वह वाहन प्रदूषण फैला रहे हैं।

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