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गाजीपुर: सुमन सिंह हत्याकांडः हत्यारे नौकर ने की खुदकुशी, ममेरी बहन के घर मिली लाश

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर बाराचवर कासिमाबाद थाने के इमामुद्दीनपुर गांव में महिला पीडब्ल्यूडी कर्मी सुमन सिंह की हत्या के मामले में नया ट्वीस्ट आ गया है। हत्या का मुख्य आरोपी नौकर फागु लाल राजभर(28) की लाश शुक्रवार की सुबह उसकी ममेरी बहन के घर मिली। उसकी मौत का मामला आत्महत्या का है। पुलिस के सामने सवाल यह है कि आखिर हत्यारोपी ने यह कदम क्यों उठाया। जेल जाने के डर से ऐसा किया कि मालकिन की हत्या की आत्मग्लानी से वह यह कदम उठाया या फिर कोई और जज्बाती वजह रही।

एसएचओ कासिमाबाद संतोष सिंह ने बताया कि सुबह सूचना मिली कि हत्या के बाद फरार मुख्य आरोपी फागुलाल अपने ममेरी बहन ममता देवी पत्नी सुनील के घर रानीपुर थाना नोनहरा में मृत पड़ा है। वह वहां घटना के कुछ घंटे बाद देर शाम पहुंचा था। ममता को उसने अपने कृत्य की जानकारी नहीं दी। सिर्फ यही कहा कि वह रात यहीं रुकेगा। उसके कुछ देर बाद वह शौच के लिए गया। उसके ठहरने की व्यवस्था ममता ने बाहर की झोपड़ी में की। उसे भोजन में रोटी और आमलेट परोसी। उसके बाद सभी सो गए। सुबह ममता खाना बनाने के लिए उपले लेने उस झोपड़ी में गई। वहां का दृष्य देख उसका माथा ठनका। फागुलाल चारपाई के नीचे उल्टी किया था और उसका पूरा शरीर ऐंठ गया था। वह शोर मचाई। घरवाले तथा आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। पुलिस को सूचना दी गई। एसएचओ कासिमाबाद के मुताबिक फागुलाल ने खुदकुशी के लिए सल्फास का इस्तेमाल किया।

मालूम हो कि इमामुद्दीनपुर में फागुलाल और सुमन के ससुर कन्हैया सिंह गुरुवार की सुबह बैठ कर शराब पी रहे थे। सुमन ने अपने ससुर को टोका। तब ससुर की ललकार पर फागुलाल लोहे के राड से सुमन के सिर पर जोरदार प्रहार किया। साथ ही उसका गला दबा दिया। सुमन की मौत के बाद फागुलाल फरार हो गया था जबकि मौके पर पहुंची पुलिस सुमन के ससुर को गिरफ्तार कर ली। सुमन सिंह(45) के पति त्रिभुवन सिंह पीडब्ल्यूडी के कर्मचारी थे। वह भी अत्यधिक शराब के सेवन के कारण असमय चल बसे। तब मृतक आश्रित कोटे में सुमन की पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड(तृतीय) में मेठ के पद नियुक्ति हुई थी। सुमन का मायका बरेसर थाने के सेमउरा गांव में था। वहां उन्हें कुछ भूमि भी मिली थी। अपने ससुर की शराब की लत से वह परेशान रहती थी। अपने पति की मौत का हवाला देकर उन्हें रोकती-टोकती थी लेकिन कन्हैया उनकी एक नहीं सुनता था। वह अपने नौकर के साथ प्रायः हर रोज दारु-मुर्गा उड़ाता था। इसके लिए सुमन से वह बेजा दबाव बना कर हर माह रुपये भी लेता था। नशेड़ी ससुर के साये से बचाने के लिए सुमन अपनी इकलौती बिटीया शिवांगी (12) को भी साथ न रख कर अपने मायका भेज दी थी।

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