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गाजीपुर: जमानियां-सैय्यदराजा नेशनल हाईवे जाम से आम जीवन अस्त–व्यस्त, लोगो में आक्रोश

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर एनएच-24 पर जाम का सिलसिला समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार तीसरे दिन सोमवार को भी करीब 10 किमी तक भीषण जाम लग गया। लोग पैदल भी आवागमन नहीं कर पा रहे थे। हालत यह हो गई कि स्कूल जा रहे बच्चे देर होने की वजह से अपने-अपने घर लौट गए। वहीं जरूरी कार्य से जिला मुख्यालय जा रहे बाइक सवाल किसी तरह जान जोखिम में डालकर सड़क के किनारे से आते-जाते दिखे। इससे स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश व्याप्त है। राष्ट्रीय राजमार्ग-24 पर जाम की समस्या नासूर बन गई है। इससे स्थानीय लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। 

लोग अपने गांव के चट्टी की दुकानों पर साइकिल या बाइक से नहीं पहुंच पा रहे हैं। जाम लगने का सबसे बड़ा कारण सड़क का निर्माणाधीन और मार्ग पर अत्यधिक ट्रकों का आवागमन है। शनिवार की रात से लगा जाम काफी मशक्कत के बाद शुक्रवार की शाम को समाप्त हो सका। लोगों जब सुबह देखे तो मार्ग पर फिर से ट्रकों की लंबी लाइन लग गई है। आए दिन लगने वाले इस जाम से लोग झल्ला जा रहे हैं। सोमवार को बहुत से छात्र अपने घर से स्कूल बस में सवार होकर निकले लेकिन घटो देर बाद तक वह पहुंच नहीं सके। काफी देर होने पर वह अपने घर लौट गए। ऐसा तीन दिन से लगातार हो रहा है। वहीं जिन लोगों को जरूरी काम था। वह घटो देर तक फंसे रहे। किसी तरह इधर-उधर से निकल रहे थे। 

हमीद सेतु के पास जमीन से सैकड़ों फीट ऊंचाई पर सड़क है। यहा दोनो तरफ सड़क का ट्रकों का लम्बा काफिला लग जाने से वह एकदम किनारे से अपने बाइक लेकर जा रहे थे। अगर किसी का पैर फिसले तो वह सैकड़ों फीट नीचे चला जाएगा। इसके बावजूद जिला प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं जा रहा है। इससे लोगों में काफी आक्रोश है। एनएच-24 पर जगह-जगह बड़ा-बड़ा गढ्डा बन गया है। सड़क के मरम्मत का कार्य महीनों से चल रहा है, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हो सका है। इस समय तो स्थिति और भी भयावह हो गई है। सड़क के किनारे भारी मात्रा में पत्थर और गिट्टी गिरा दिया गया है। मरम्मत का कार्य भी काफी धीमी गति से चल रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि जब नो इंट्री लगता है कोई कार्य शुरू नहीं होता है। 

अगर नो इंट्री में काम किया जाता तो सड़क के बनने के साथ ही जाम की समस्या भी समाप्त हो जाती। सुबह पाच से रात आठ बजे तक जमानिया से गाजीपुर तक नो इंट्री है। ऐसे में पाच बजे जमानियां में तो गाड़ी को रोक दिया जाता है, लेकिन जो ट्रक क्रास कर जाती है। उसको बीच रास्ते में रोकने के बजाय पुलिस पास कर देती है। इसी दौरान दूसरे ओर से भी ट्रकें आने लगती है। ऐसे में सड़क पर गिरे गिट्टी और गढ्डे को बचाने के चक्कर में ड्राइवर बेतरतीब ट्रक चलाना शुरू कर देते हैं। ऐसे में सामने से आ रहे ट्रक को देखकर वह अचानक रूक जाता है। उसके पीछे ट्रकों की लंबी लाइन लग जाती है। जब तक वह किनारे होते सड़क ट्रकों की लंबी लाइन लग जाती है।

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