उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस टेस्टिंग लैबों में रोज हाेगी 10 हजार जांचें - मुख्यमंत्री योगी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में प्रतिदिन 8 से 10 हजार नमूनों की जांच की जाए। इसके लिए जरूरी मैनपावर व उपकरण की व्यस्था की जाए। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में कोविड-19 के जांच हेतु 21 प्रयोगशालाएं क्रियाशील हैं। इनमें से 12 प्रयोगशालाएं प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में संचालित हैं। अब तक सवा लाख लोगों की टेस्टिंग हो चुकी है। वर्तमान में प्रतिदिन 5300 सैम्पल की जांच का लक्ष्य है। इसे बढ़ाते हुए 8 से 10 हजार जांच प्रतिदिन किया जाना है।
मुख्यमंत्री वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए सभी मेडिकल कालेजों के प्रधानाचार्यों और चिकित्सा संस्थानों के निदेशकों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी मेडिकल कालेजों में वेंटिलेटर एवं अन्य उपकरण क्रियाशील रहें। जहां वेंटिलेटर कार्य कर रहे हैं, वहां पर वेंटिलेटर संचालन के लिए ऑक्सीजन प्लाण्ट की चालू किया जाए। इसके अलावा पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेण्डर की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। सभी चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ एवं टेक्नीशियन को समुचित प्रशिक्षण देना आवश्यक है। किसी की भी लापरवाही से अस्पताल में मेडिकल इंफेक्शन फैलने की स्थिति उत्पन्न न होने पाए। वार्डो में सुरक्षा के मद्देनजर सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था की जाए।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक दशा में यह प्रयास किया जाए कि कोरोना के कारण किसी मरीज की मौत न हो। यदि किसी कोरोना मरीज की मृत्यु होती है, तो उसके शव की देखभाल एवं अन्य प्रक्रिया के विषय में निर्गत दिशा-निर्देशों के अनुसार सावधानी बरती जाए। कोरोना से संक्रमित किसी भी मृत्यु की दशा में डेथ ऑडिट अवश्य कराया जाए। बांदा, सहारनपुर, आजमगढ़, अयोध्या व बस्ती मेडिकल कालेजों में लेविल-3 के सुविधाएं की जाएं।
कोविड मरीजों की देखभाल में लगे हुए मेडिकल कालेजों के चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को राज्य सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार संक्रमण रोकथाम एवं बचाव सम्बन्धी गाइडलाइन्स का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी एवं निजी मेडिकल कालेज में पीपीई किट एवं एन-95 मास्क की पर्याप्त संख्या में उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल में भर्ती हो रहे कोविड संक्रमित मरीजों की देखभाल एवं उपचार प्रोटोकॉल के अनुसार तैनात चिकित्सकों द्वारा नियमित रूप से किया जाए। वरिष्ठ चिकित्सकों एवं अधीक्षक द्वारा स्वयं वार्ड का भ्रमण किया जाए। ऐसे मेडिकल कालेज एवं अस्पताल, जहां कोविड के अतिरिक्त नॉन कोविड मरीज के लिए इमरजेंसी सर्विसेज एवं उपचार दिया जा रहा है, वहां यह सुनिश्चित किया जाए कि कोविड एवं नान कोविड ब्लाक पूरी तरह अलग रहें। उन्होंने कहा कोविड संक्रमित मरीजों की सुविधाओं और खान-पान के बारे में किसी भी प्रकार की शिकायत न मिले।