BHU के प्रोफेसर ने दी थी HOD की सुपाारी, गाजीपुर से बदमाशों के बुलाकर तुड़वाए हाथ, पुलिस फायरिंग में सरगना को लगी गोली
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी पुलिस की मंगलवार रात लंका इलाके में बदमाशों से मुठभेड़ हो गई। फायरिंग के दौरान पुलिस ने भागते बदमाश के पैर में गोली मार दी। घायल बदमाश को घेराबंदी करके अरेस्ट कर लिया तो पूछताछ में बदमाश सुपारी किलर निकला। उसने बीएचयू में विभागाध्यक्ष के हाथ-पांव तोड़ने की सुपारी ली थी और गाजीपुर से दो बदमाश बुलवाकर प्रोफेसर को पिटवाया था।
प्रमोद कुमार उर्फ गणेश पासी ने बताया कि बीएचयू में तेलुगु विभाग के प्रोफेसर ने उसे विभागाध्यक्ष प्रो. सीएस रामचंद्र मूर्ति पर हमले के लिए कहा था। दक्षिण भारत के निवासी पूर्व शोध छात्र के जरिए प्रयागराज के प्रमोद पासी ने योजना बनाई। पहले बाहर पीटने की योजना थी लेकिन रेकी के बाद विभागाध्यक्ष को बीएचयू परिसर में ही राॅड से पिटवाया था।
प्रमोद कुमार उर्फ गणेश पासी को लंका पुलिस ने नुआव में मुठभेड़ के बाद बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया। हालांकि पुलिस ने सर्विलांस के जरिए पहले ही प्राेफेसर की भूमिका जान ली थी, अब आरोपी की गिरफ्तारी के बाद उन पर एक्शन लिया जाएगा। आरोपी प्रोफेसर की तलाश में पुलिस ने रात में दबिश दी।
डीसीपी क्राइम सरवणन टी. ने बताया कि गणेश से दोनों युवकों के बारे में पूछताछ की जा रही है। बीएचयू के प्रोफेसर के इशारे पर पूर्व शोध छात्र के कहने पर गणेश पासी ने पूरी योजना बनाई। एसीपी भेलूपुर गौरव कुमार और लंका इंस्पेक्टर राजकुमार शर्मा की टीम ने नुआव में आरोपी को दबोचा है। डीसीपी काशी गौरव बंशवाल ने टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
मंगलवार रात करीब 10 बजे पुलिस नुआव क्षेत्र में बदमाश प्रमोद कुमार उर्फ गणेश पासी ने पुलिस टीम को देखा तो सड़क छोड़कर दूसरे रास्ते से भागने लगा। पुलिस को शक हुआ तो हुलिया उनकी तलाश का केंद्र बदमाश का नजर आया। पुलिस ने उसे रोकने का प्रयास किया तो वह भागने लगा। पुलिस ने पीछा किया तो आरोपी ने तमंचे से पुलिस पर फायर कर दिया।
पुलिस की फायरिंग में उसके पैर में एक गोली लगी। गोली लगते ही वह जमीन पर गिर गया। पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया और जिला अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस के अनुसार पकड़ा गया आरोपी प्रयागराज के मेजा निवासी गणेश पासी है। पुलिस ने उसके पास से एक तमंचा बरामद किया है। आरोपी ने कबूला कि उसने बीएचयू प्रोफेसर पर रॉड से हमला किया था।
कमिश्नरेट पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि तेलुगु विभाग के एक प्रोफेसर से विभागाध्यक्ष प्रो सीएस रामचंद्र मूर्ति की कहासुनी हुई थी। विभागाध्यक्ष की कुछ बातों से प्रोफेसर खासा नाराज थे और उन्हें सबक सिखाना चाह रहे थे। प्रोफेसर ने तेलंगाना निवासी अपने पूर्व शोध छात्र से संपर्क साधा और प्रोफेसर मूर्ति पर हमले की योजना बनाई।
पूर्व शोध छात्र ने प्रयागराज में रहने वाले अपने एक मित्र से संपर्क किया और विभागाध्यक्ष को पिटवाने के लिए दो बदमाशों को तलाशने के लिए कहा। इस हमले में विभागाध्यक्ष के दोनों हाथ टूट गए थे। विभागाध्यक्ष का लंबे समय तक ट्राॅमा सेंटर में इलाज भी चला था। पुलिस पूर्व शोध छात्र के करीब पहुंच गई है जो दक्षिण भारत का रहने वाला है।
बीएचयू कैंपस के बाहर ही बदमाशों को बाइक दी गई। बाइक सवार बदमाश बिरला छात्रावास चौराहे के पास जाकर खड़े हो गए। इसी बीच विभागाध्यक्ष छात्रावास के पास पहुंच गए और बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया। स्टील के रॉड से विभागाध्यक्ष की बेरहमी से पिटाई कर दी और हाईवे से होकर भाग निकले।
28 जुलाई की शाम कैंपस में बाइक सवार 2 युवकों ने तेलुगु के विभागाध्यक्ष प्रो. CS रामाचंद्र मूर्ति पर रॉड से हमला कर दिया था। इससे उनके दोनों हाथ में मल्टीपल फ्रैक्चर हो गए। प्रोफेसर अपनी बाइक से 6.30 बजे बृज एन्क्लेव कॉलोनी स्थित अपने घर जा रहे थे।
प्रोफेसर के अनुसार, भोजपुरी अध्ययन केंद्र से बिड़ला रुइया चौराहे मार्ग पर बाइक सवार बदमाशों ने उन्हें रोका और हमला कर दिया। शरीर में कई जगह चोटें आई हैं। जब वहां मौजूद छात्रों ने शोर मचाया, तो आरोपी तेजी से भाग निकले।
लोगों ने प्रोफेसर को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया, जहां इलाज चल रहा है। दोषियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस जुटी थी। इससे पहले प्रोफेसर की तहरीर पर FIR दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए 3 टीमें बनाई गई थी।
29 जुलाई को BHU में तेलुगु विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. CS रामाचंद्र मूर्ति पर हमले का विरोध में विरोध प्रदर्शन भी हुआ था। आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर प्रोफेसर और छात्र सड़क पर उतरे। सिंह द्वार पर धरना दिया। जमकर नारेबाजी करते हुए गेट से आने-जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया।
29 जुलाई को प्रोफेसर और छात्रों ने धरना प्रदर्शन और हंगामे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची तो प्रोफेसरों की पुलिस से भी बहस हो गई। ACP समेत पुलिस अफसर छात्र और प्रोफेसरों को समझाकर शांत कराया और आश्वासन दिया था।