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पानी बढ़ने से तटवर्ती क्षेत्र के लोगों के माथे पर पड़ने लगा बल

औड़िहार। गंगा और गोमती दोनों नदियों का पानी बढ़ रहा है। इन नदियों में पानी बढ़ने से तटवर्ती इलाकों में हलचल शुरू हो गई है। यहां रहने वालों के माथे पर चिंता की लकीरें एक बार फिर दिखाई देने लगी है। फिलहाल गंगा में पानी बढ़ने से सैदपुर नगर और आसपास के गांव के घाट पानी में डूब गए हैं। पानी भी बस्ती की ओर बढ़ने लगा है। हालांकि दोनों नदियों में पानी बढ़ने की रफ्तार बहुत धीमी है। यही स्थिति बनी रही तो न केवल सैकड़ों एकड़ फसल तबाह होगी, बल्कि दो दर्जन से अधिक गांव भी चपेट में आ जाएंगे। तटवर्ती इलाके के लोगों को कई अन्य मुसीबतें भी झेलनी पड़ेंगी।

गंगा और गोमती दोनों नदियों का पानी अभी खतरे के निशान से नीचे है, लेकिन जैसे ही पानी बढ़ने की रफ्तार तेज होगी वैसे ही कई गांव पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगेगा। सैदपुर के फुलवारी, टोडरपुर, चकेरी, के अलावा कोल्हुआघाट, जौहरगंज घाट, रामतवक्काघाट, पटना, खरौना, नगरिया नाला, सिधौना, सूरजभान चक, शादीभादी, गौरी, तेतारपुर, बहुरा आदि गांव के लोगों को इस बात की चिंता सताने लगी है कि पानी बढ़ने की रफ्तार अगर तेज हुई तो इन सभी गांव में परेशानियां बढ़ जाएंगी। दूसरी ओर नालों में पानी आ जाने के कारण जगह-जगह मुसीबतें दिखाई देने लगी है। लोगों को खेती बारी के कार्य में अवरोध उत्पन्न होने लगा है। तेतारपुर के राजेंद्र यादव, सूरजभानचक के मोतीराम एवं नगरिया नाला के सुदर्शन ने बताया कि पानी बढ़ने से अभी कोई खास नुकसान नहीं है लेकिन गांव के लोगों की चिंता बढ़ गई है। इस संदर्भ में उपजिलाधिकारी सत्यम मिश्रा ने बताया कि बाढ़ को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। आवश्यकता पड़ने पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नाव आदि लगाकर सुविधाएं मुहैया होगी। जगह जगह बाढ़ राहत केंद्र भी बनाए जाएंगे।
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