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रोडवेजः आरएम पर भारी अदना बाबू!

गाजीपुर। रोडवेज का गाजीपुर डिपो यात्रियों को लेकर भले संजिदा नहीं दिखे लेकिन मुलाजिम आपसी वर्चस्व को लेकर जरूर एक दूसरे से भिड़े रहते हैं। आलम यह है कि एक अदना बाबू आरएम पर ही भारी पड़ता दिख रहा है। रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद तक पूरा जोर और हिकमत लगा रहा है लेकिन वह अदना बाबू पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। 

परिषद की शिकायत पर एक ही पटल अनुशासिक पर अर्से से जमे आमेंद्र कुमार राय को हटाने के लिए आरएम वाराणसी पीके तिवारी ने आदेश दिया लेकिन उस आदेश पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जाहिर है कि आरएम के उस आदेश की परवाह एआरएम को नहीं है। परिषद के नेताओं का कहना है कि मूल जड़ में एआरएम हैं। यहां तक कि हाल ही में डिपो के निरीक्षण पर पहुंचे एमडी तक की उन्होंने अनदेखी की। वह अपने आवास पर बैठे रहे और एमडी निरीक्षण कर लौट गए। 

परिषद के लोगों ने उस बात को उठाया तो एआरएम व्हाटस्अप पर चिढ़ाने के अंदाज में मैसेज तक डाले। उसका आशय यही था कि परिषद लगा रहे। उनका कुछ नहीं बिगड़ने वाला। बहरहाल बाबू आमेंद्र कुमार राय के पटल बदलने के खुद के आदेश पर कार्रवाई नहीं होने की बात की चर्चा गाजीपुर न्यूज़ ने आरएम श्री तिवारी से की। उन्होंने कबूला कि दरअसल इस मामले में राजनीतिक दबाव आड़े आ रहा है। सवाल है कि प्रदेश की योगी सरकार अपने सुशासन में राजनीतिक दबाव की बात को खारिज करती है और रोडवेज का गाजीपुर डिपो के संचालन में बेजा राजनीतिक पड़ रहा है। रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के शाखा मंत्री विवेकानंद सिन्हा का कहना है कि डिपो के बेहतर संचालन के लिए परिषद का शुरू हुआ आंदोलन मुकाम तक जरूर पहुंचेगा।
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