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गाजीपुर नगर पंचायत सादात: भासपा व भाजपा आमने-सामने

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर नगर पंचायत सादात में भाजपा-भासपा दोनों ही दल के प्रत्याशी आमने सामने होंगे। सादात नगर पंचायत में भाजपा के खिलाफ भासपा मुखिया मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने यशवंत वर्मा को टिकट देकर अध्यक्ष पद का उम्मीदवार घोषित किया है। शनिवार को यशवन्त ने अपने समर्थकों के साथ जुलुस की शक्ल में मतदाताओं से मिलकर उनका सहयोग और आशीर्वाद मांगा। 

भाजपा द्वारा पूर्व चेयरमैन राजनाथ यादव की पत्नी प्रमिला देवी को अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी घोषित किया। पार्टी हाईकमान के इस तानाशाही निर्णय के बाद नगर की राजनीति भूचाल सा आ गया। भाजपा के पैनल में यशवंत वर्मा, प्यारेलाल और कमल किशोर का तीन नाम भेजा गया था। इनमें से किसी नाम को न चुनकर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्रनाथ पाण्डेय ने अपनी मर्जी से आपराधिक मामले में आजीवन कारावास की सजा झेल रहे पूर्व चेयरमैन राजनाथ की पत्नी प्रमिला पर ही दांव लगाया। 

इस बारे में जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह ने बताया कि हाईकमान द्वारा सूची को मानना उनकी मजबूरी है। पार्टी के इस तनाशहपूर्ण भरे निर्णय से नाराज होकर यशवंत वर्मा पर गठबन्धन धर्म को तोड़ते हुए भासपा सुप्रीमो ओमप्रकाश राजभर ने अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाकर एक नया दांव लगाया है। जनपद में बहादुरगंज और सादात नगर पंचायत की सीट को भासपा काफी समय से खुद के हिस्से में देने की मांग कर रही थी। प्रदेश सरकार ने इसे नकार दिया था, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुयी है। 

बताते चलें कि 2012 के चुनाव में वरिष्ठ कार्यकर्ता शिवानंद सिंह के साथ भी ऐसा ही हुआ था। जिन्हें टिकट न देकर पार्टी ने बागी बनकर चुनाव लड़ने को विवश किया था। फ़िलहाल भाजपा और भसपा के आमने-सामने आने के बाद राजनितिक समीकरण बदलने लगा है। भासपा के टिकट पर नगर पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने जा रहे यशवन्त वर्मा पूर्व में भाजपा के नगर अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 

काफी समय तक पार्टी में सेवा करने के बाद भी टिकट न मिलने से नाराज यशवन्त ने बागी बनकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उनका आरोप है कि अपराध मुक्त होने की बात करने वाली भाजपा के हाईकमान ने धनबल और बाहुबल को बढ़ावा देते हुए पैसा लेकर टिकट देने का काम किया है। उनका कहना है कि जब पैनल में तीन नाम गया था, तो बाहर से चौथा नाम आखिर किस आधार पर घोषित किया गया है। पार्टी के इस फैसले के विरोध में यशवन्त के साथ काफी संख्या में समर्थक देखे गये। यशवन्त के पिता स्व. हरिदास वर्मा को नगर का पहला चेयरमैन बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था।
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