गाजीपुर: दुकान के आवंटन में अनियमितता पर तहसीलदार जमानियां सहित पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर जमानियां क्षेत्र के सब्बलपुर खुर्द गांव में सस्ते गल्ले की दुकान के आवंटन में लापरवाही व अनियमित्ता को देखते हुए सीजीएम कोर्ट ने एफआईआर का आदेश दिया और स्थानीय कोतवाली में मंगलवार की शाम तहसीलदार जमानियां, सेकेट्री मनोज कुमार यादव, लेखपाल विजय सिंह यादव, ग्राम प्रधान अखिलेश उपाध्याय, कोटेदार अनिल कुमार के विरूध मुकदमा दर्ज कर लिया गया। अपने आवेदनो की फाईल लेकर दरबदर की ठोकर खा रहा सब्बलपुर गांव निवासी राम लाल राम ने सभी अधिकारीयों के दरवाजे खटखटाये लेकिन किसी भी अधिकारी ने उसकी आवाज को गंभीरता से नही लिया ।
थक हार कर राम लाल न्यायालय की शरण में चला गया और पूरा मामला न्यायालय के समक्ष रखा। जिस पर न्यायालय ने दिनांक 28 नवंबर 2017 को तहसीलदार जमानियां, सेक्रेट्री मनोज कुमार यादव, लेखपाल विजय सिंह यादव, ग्राम प्रधान अखिलेश उपाध्याय, कोटेदार अनिल कुमार के विरूध एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया लेकिन हमेशा की तरह हिल्ला हवाली करने वाली पुलिस ने न्यायालय के आदेश के बावजूद मुकदमा दर्ज नही किया। वही आईजीआरएस में पुन: राम लाल ने शिकायत दर्ज की । जिसके बाद उसका मुकदमा मंगलवार की शाम पुलिस ने दर्ज कर लिया। राम लाल का आरोप है कि दिनांक 03 अगस्त 17 को गांव में सस्ते गल्ले की दूकान के आवंटन के लिए खुली बैठक का अायोजन किया गया।
जिसमें ग्राम प्रधान व सेक्रेट्रि द्वारा पूर्व से आरक्षण की सूचना ग्रामीणों को नही दी गयी थी। जिस पर ग्रामीण बैठक से उठ कर चले गये, वही बैठक में मौजूद ग्रामीणो का हस्ताक्षर रजिस्टर पर चालाकी से करा लिया गया था। इतना ही नही उनका आरोप है कि नियम को दरकिनार कर एक पिछडी जाति अंतर्गत कहार जाति के अनिल को सस्ते गल्ले की दूकान का आवंटन कर दिया गया। जबकि कोटा अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए सुरक्षित है। वही तहसील द्वारा खरवार जाति दिखा कर अनुसुचित जनजात में जारी कर दिया गया।
उन्होने बताया कि पूर्व के तहसीलदार द्वारा 29 मार्च 1995 में लिखित तौर पर अवगत कराया गया है कि जनपद मिर्जापुर के तोमा, बुल्देल खंड डिविजन में निवास करने वाले लोगो को ही खरवार व गोंड जाति का माना गया है अन्य जनपद में यह जाति मौजूद नही है। बावजूद इसके खरवार जाति का दिखा कर प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। जिस पर रामलाल राम ने पहले तो अधिकारीयों के समक्ष साक्ष्य रखे और फिर जब कार्यवाही नही हुई। सीजीएम न्यायालय में गुहार लगायी जिस पर कोर्ट ने भा.द.सं.1860 के तहत 167, 419, 420, 467, 468, 471 तहसीलदार जमानियां, कोटेदार अनिल कुमार, ग्राम प्रधान अखिलेश, सेकेट्री मनोज सिंह यादव, लेखपाल विजय सिह यादव पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश 28 नवंबर 2017 को दिया लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नही किया और रामलाल कोतवाली का चक्कर काटता रहा।
जब एक माह बित गया तो 05 जनवरी 2018 को राम लाल ने आईजीआरएस के माध्यम से पुलिस अधिक्षक को ऑन लाईन शिकायत की गयी। जिसके बाद उच्चाधिकारी के दवाब में स्थानीय कोतवाली ने मुकदमा दर्ज किया गया। वही अब तक न किसी की गिरफ्तारी नही हुई है और न ही कोतवाली में बुलवाया गया है। राम लाल का कहना है कि मुकदमा दर्ज होने के बाद भी अब तक कोटे की दूकान को निरस्त नही किया गया है।
इस प्रकरण में तहसील, पुलिस, विकास विभाग व खाद्य रसद विभाग की भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध है। इस संबंध मे खाद्यय सुरक्षा अधिकारी संतोष कुमार ने बताया कि मैं सक्षम अधिकारी नही हुं कुछ बताने के लिए अत: उपजिलाधिकारी से वार्ता करें। वही उपजिलाधिकारी जमानियां सत्य प्रकाश मिश्रा ने बताया कि इस मामले प्रतिआवेदन प्राप्त हुआ है, जिस पर कार्यवाही की जा रही है।