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गाजीपुर: कोहरे की आड़ में धड़ल्ले से हो रहा बालू खनन

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर शासन द्वारा बालू के अवैध खनन पर पूरी तरह अंकुश लगाए जाने के निर्देश के बावजूद जमानिया, सैदपुर और मुहम्मदाबाद तहसील क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों से कड़ाके की ठंड में खनन माफिया नदियों की कोख सूनी करने पर आमादा हैं। 

शिकायत के बाद भी इस अवैध कारोबार पर पूरी तरह लगाम नहीं लग पा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा अवैध खनन पर रोक लगाए जाने के बाद से क्षेत्र में सभी तरह के निर्माण कार्य के लिए बालू की किल्लत पैदा हो गई है। जिसका फायदा पेशेवर कारोबारी उठा रहे हैं। वे चंद रुपयों की खातिर क्षेत्र से होकर बहने वाली नदियों की रेत को निकालकर अधिक दाम पर बेच दे रहे हैं। 

रेत माफिया के इस अवैध कारोबार को क्षेत्र के कुछ ईंट-भट्ठा मालिकों का भी संरक्षण प्राप्त है। बताया जाता है कि ईंट-भट्ठा मालिकों द्वारा खनन के लिए जमा किए गए रायल्टी की आड़ में बालू माफिया दर्जनों की संख्या में ट्रैक्टर- ट्रालियों पर बालू खनन में जुट गए हैं। आश्चर्य की बात यह है कि ग्रामीणों के विरोध के बाद भी खनन माफिया संवेदनशील स्थानों से बालू का खनन कर रहे हैं, जहां बाढ़ के सीजन में सबसे ज्यादा टूटने का खतरा है। ऐसा नहीं है कि इस बात की जानकारी पुलिस को नहीं है। 

वे सब कुछ जानकर भी चुप्पी साधे बैठे हैं। बालू कारोबारियों ने नई तरकीब निकाल ली है। इसके लिए हर दिन दर्जनों की संख्या में मजदूर नदी में उतर जा रहे हैं और खनन किए गए बालू को बोरियों में भरकर नदी के बाहर कर दें हैं। इस कार्य के लिए उन्हें प्रति बोरी 30 से 40 रुपये मिल जा रहे हैं। फिर एक साइकिल पर करीब चार बोरी बालू लादकर बालू कारोबारियों तक पहुंचा दे रहे हैं। ।
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